शिवनारायण चंद्रपॉल ने अजीबोगरीब बैटिंग तकनीक के बावजूद इंटरनेशनल क्रिकेट में रनों का अंबार लगा दिया। टेस्ट क्रिकेट में चंद्रपॉल 10 हजार से ज्यादा रन बनाने में सफल रहे। चंद्रपॉल के बेटे तेगनारायण भी वेस्टइंडीज के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेलते हैं।
विराट कोहली, रोहित शर्मा, सचिन तेंदुलकर, जसप्रीत बुमराह जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के प्लेइंग स्टाइल को हर युवा क्रिकेटर कॉपी करना चाहता है। पर कुछ क्रिकेटर ऐसे भी हुए जिनके बॉलिंग या बैटिंग का अंदाज बिल्कुल अनूठा रहा। कुछ तो बेहद ही अटपटे अंदाज में खेलते थे। इस लिस्ट में वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान शिवनारायण चंद्रपॉल का नाम भी शामिल है।
चंद्रपॉल ने लगाया रनों का अंबार
शिवनारायण चंद्रपाल आज (16 अगस्त) अपना 50वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं। चंद्रपॉल के बैटिंग स्टांस को काफी अजीबोगरीब माना जाता है। वह क्रीज में ऐसे खड़े होते थे, तो मानो गेंदबाज स्क्वायर लेग की तरफ से उन्हें गेंदबाजी करने जा रहा हो। चंद्रपॉल ने इस बैटिंग तकनीक के बावजूद इंटरनेशनल क्रिकेट में रनों का अंबार लगा दिया। टेस्ट क्रिकेट में तो चंद्रपॉल 10 हजार से ज्यादा रन बनाने में सफल रहे ही। वनडे इंटरनेशनल में उन्होंने बल्ले से धांसू प्रदर्शन किया।
देखा जाए तो बाएं हाथ के बल्लेबाज शिवनारायण चंद्रपॉल ने शुरुआती 53 टेस्ट मैचों में सिर्फ 2 शतक बनाए थे, लेकिन उसके बाद उनके प्रदर्शन में गजब का सुधार आया। साल 2006 में भारत दौरे के साथ चंद्रपॉल के करियर का ग्राफ काफी ऊपर की ओर गया। अगले तीन सालों में चंद्रपॉल ने कुल 23 टेस्ट मैचों में 73.09 की बेहतरीन औसत से रन बनाए। इस दौरान उन्होंने सात शतक और 14 अर्धशतक लगाए।
साल 2005 में चंद्रपॉल को वेस्टइंडीज का कप्तान बनाया गया था। उन्होंने गुयाना में अपने घरेलू मैदान में दोहरा शतक बनाकर कप्तानी मिलने का जश्न भी मनाया। हालांकि उन्होंने अगले ही साल (2006) इस्तीफा दे दिया, ताकि बल्लेबाजी पर ध्यान फोकस किया जा सके। इसके बाद से चंद्रपॉल रन मशीन बन गए। साल 2012 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने 140वें टेस्ट में चंद्रपॉल ने दस हजार रनों का आंकड़ा टच किया।
जब भी टीम मुश्किल में होती थी, चंद्रपॉल क्रीज पर डटे रहते और अपनी मर्जी से शतक जड़ते। लेकिन तीन साल बाद उनके प्रदर्शन में गिरावट आई। चंद्रपॉल को दस पारियों में सिर्फ एक अर्धशतक बनाने के बाद टीम से बाहर कर दिया गया। फिर दिसंबर 2015 में चंद्रपॉल को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट में भी जगह नहीं मिली, जिसके बाद इस दिग्गज ने जनवरी 2016 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी।
चंद्रपॉल का ऐसा रहा इंटरनेशनल करियर
शिवनारायण चंद्रपॉल ने साल 1994 में गुयाना में इंग्लैंड के खिलाफ मुकाबले से अपने टेस्ट करियर की शुरूआत की थी। उन्होंने तब शतक जमाया और वेस्टइंडीज ने वह मैच पारी और 44 रन से जीता था। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच भी इंग्लैंड के खिलाफ ही मई 2015 में बारबाडोस में खेला था। चंद्रपॉल ने अपने 22 साल लंबे क्रिकेट करियर में 164 टेस्ट, 268 वनडे और 22 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले।
टेस्ट क्रिकेट में शिवनारायण चंद्रपॉल ने 51.37 की औसत 11867 से रन बनाए। टेस्ट में उनका उच्चतम स्कोर नाबाद 203 रन रहा। चंद्रपॉल ने अपने टेस्ट करियर में कुल 30 शतक और 66 अर्धशतक लगाए। चंद्रपॉल वेस्टइंडीज के लिए टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में दूसरे नंबर पर हैं। इस मामले में ब्रायन लारा टॉप पर हैं, जिन्होंने चंद्रपाल से महज 86 रन ज्यादा बनाए।
वहीं वनडे इंटरनेशनल में चंद्रपॉल ने 41.60 के एवरेज से 8778 रन बनाए जिसमें 11 शतक और 59 अर्धशतक शामिल रहे। उन्होंने अपना आखिरी वनडे इंटरनेशनल मैच 2011 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ ढाका में में खेला था। इसके अलावा टी20 इंटरनेशनल में चंद्रपॉल के नाम पर 20.17 के एवरेज से 343 रन दर्ज हैं।
चंद्रपॉल के बेटे भी हैं इंटरनेशनल क्रिकेटर
बता दें कि शिवनारायण चंद्रपॉल के बेटे तेगनारायण चंद्रपॉल भी वेस्टइंडीज के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेलते हैं। 28 वर्षीय तेगनारायण अपने पिता की ही तरह बाएं हाथ से बल्लेबाजी करते हैं। तेगनारायण ने अब तक 10 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उनके नाम पर 32.94 की औसत से 560 रन दर्ज हैं। तेगनारायण टेस्ट में एक शतक और एक अर्धशतक जड़ चुके हैं।