कानपुर, अधिवक्ता कल्याण संघर्ष समिति ने महाधिवक्ता उत्तर प्रदेश से मांग की,जिलाधिकारी से मांग कि प्रदेश सरकार की गारंटी पर न्यासी समिति रू 500 करोड़ का लोन लेकर प्रत्येक अधिवक्ता को रु 20 हजार की आर्थिक सहायता प्रदान करे।
इस मौके पर संयोजक पं0रवीन्द्र शर्मा ने बताया की लाक़ डाउन के मध्य अधिवक्ताओं को किस तरह आर्थिक सहायता प्राप्त हो पर मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने स्वत: संज्ञान पीआई एल में पारित आदेश दिनांक 14-05-2020 में सुझाव दिया है कि न्यासी समिति लोन ले जिस की गारंटी प्रदेश सरकार दे और उससे अधिवक्ताओं की आर्थिक सहायता की जाए। किंतु उच्च न्यायालय के सुझाव को न्यासी समिति ने अभी तक नहीं माना।हमने आज ज्ञापन दे मांग की है कि महाधिवक्ता उत्तर प्रदेश जो कि न्यासी समिति के अध्यक्ष भी हैं उच्च न्यायालय के सुझाव को मानते हुए, प्रदेश सरकार की गारंटी पर रू 500 करोड़ का लोन ले और प्रत्येक अधिवक्ता को रु 20 हजार की आर्थिक सहायता प्रदान करें । अविनाश बाजपाई पूर्व अध्यक्ष लायर्स एसोसिएशन ने कहा की उच्च न्यायालय के सुझाव पर तो न्यासी समिति को लोन लेकर अधिवक्ताओं की मदद करनी चाहिए। बी एल गुप्ता अध्यक्ष इनकम टैक्स जी एस टी बार एसोसिएशन ने कहा कि न्यासी समिति कम से कम हाईकोर्ट के सुझाए रास्ते पर चलकर ही अधिवक्ताओं को आर्थिक सहायता प्रदान करे।
जिलाधिकारी कानपुर नगर ब्रह्मदेव राम तिवारी ने ज्ञापन प्राप्त कर कहा कि तत्काल आपका ज्ञापन आवश्यक कार्रवाई हेतु महाधिवक्ता महोदय को भेज दिया जाएगा।प्रमुख रूप से पं रवीन्द्र शर्मा,अविनाश बाजपेई ,उपेन्द्र भदौरिया उपाध्यक्ष कानपुर बार एसोसिएशन, एस के सचान, मिश्रा, प्रदीप गुप्ता ,मनोज द्विवेदी, राकेश तिवारी, प्रणवीर सिंह, शिखर चंद्रा ,शैलेश त्रिवेदी,नरेश मिश्रा, मोहित शुक्ला, के के यादव रहे।
अधिवक्ता कल्याण संघर्ष समिति ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा
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