जनसंख्या वृद्धि विकास में बाधक – जिलाधिकारी
दंपतियों को उपलब्ध कराएं बास्केट आफ च्वाइस- सीएमओ
आशा संभालेंगी परिवार नियोजन की पूरी जिम्मेदारी 31 जुलाई तक मनाया जाएगा पखवाड़ा कानपुर 11 जुलाई 2020
वर्तमान में कोरोना संकट से लोग जूझ रहे है, ऐसे में जनसंख्या विस्फोट भी एक ऐसा संकट है जिसके लिए लोगों को जागरूक रहना चाहिए। भारत में विकास के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा जनसंख्या वृद्धि है। इस समय लोग परिवार नियोजन सेवाओं से अपना मुंह न मोड़े, और इन्हे अपनाते रहे। कोरोना समस्या के साथ ही पहले से ही चली आ रही जनसंख्या वृद्धि की समस्या को भी समझे, और सीमित परिवार की तरफ हमारा रुझान बनाए रहे। यह बातें जिलाधिकारी डॉ ब्रहमदेव राम तिवारी ने जिला पुरुष अस्पताल, उर्सला के सभागार में विश्व जनसंख्या पखवाड़े (11 जुलाई-31 जुलाई ) के शुभारंभ के दौरान कहीं।
जिलाधिकारी समेत सीएमओ व नोडल अधिकारी ने दीप प्रवज्जलित करके इस पखवाड़े की शुरुआत की। कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इस साल स्वास्थ्य विभाग आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी थीम के साथ इस महत्वपूर्ण अभियान में जुटेगा। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अशोक शुक्ल, परिवार कल्याण के नोडल अधिकारी डॉ एके सिंह, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एसके सिंह, उर्सला के एसआईसी (निदेशक ) डॉ आरपी भट्ट व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एके सिंह, जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ, डीपीएम सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अशोक शुक्ल ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए जन सहभागिता एवं जन जागरूकता जरूरी है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की गाइड लाइन का पालन करते हुए कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को परिवार नियोजन के लिए प्रेरित करें। देशहित में प्रत्येक लक्ष्य दंपतियों से संपर्क कर बास्केट आफ च्वाइस उपलब्ध कराएं। महिला-पुरूष नसबंदी में दी जाने वाले प्रोत्साहन राशि की जानकारी दें।
परिवार कल्याण के नोडल अधिकारी डॉ एके सिंह ने बताया कि इस वक्त कोरोना महामारी की रोकथाम में पूरा महकमा लगा हुआ है। जिसकी वजह से परिवार नियोजन सेवाएं सुचारू रूप से नहीं चल पा रही थी, लेकिन अब जिला अस्पताल के साथ-साथ समस्त सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भनिरोधक गोलियां, कंडोम की पर्याप्त उपलब्धता है। गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा की भी शुरुआत कर दी गई। इसके अलावा प्रसव पश्चात कॉपर टी (पीपीआईयूसीडी), कॉपर टी (आईयूसीडी) की भी सुविधा सभी प्रसव इकाइयों में शुरू है।
डॉ सिंह का कहना है कि परिवार कल्याण कार्यक्रमों के बारे में जनजागरूकता और परिवार नियोजन साधनों की लोगों तक उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए आशा कार्यकर्ताओं की फ़ौज को अहम् जिम्मेदारी सौंपी गयी है । कोरोना के चलते बदली परिस्थितियों में उन्हें जरूरी हिदायतें भी दी गयीं हैं ताकि वह खुद सुरक्षित रहने के साथ ही दूसरों को भी सुरक्षित बना सकें ।इसके साथ ही वह हर दंपत्ति को प्रेरित करें कि वह गर्भ निरोधक साधन का इस्तेमाल करें ताकि अनचाहे गर्भ और गर्भपात की कोई सम्भावना न रहे क्योंकि अनचाहा गर्भ परिवार के सपनों और संसाधनों को सीमित करता है ।
आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी
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