उत्तर प्रदेश की कानपुर पुलिस ने दो फर्जी टीचर को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान अनिल कुमार और बृजेंद्र कुमार के रूप में हुई है। ये दोनों साल 2009 से नौकरी कर रहे थे। इतना ही नहीं दोनों प्रमोशन लेकर हेडमास्टर भी बन गए। इस मामले का खुलासा आरोपियों में से एक के रिश्तेदार की वजह से हुआ है।
उत्तर प्रदेश में कानपुर पुलिस ने दो फर्जी टीचर्स को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि ये लोग फर्जी डॉक्युमेंट पर 14 साल से नौकरी कर रहे थे। फर्जी टीचर कानपुर देहात के स्कूलों में छात्रों को शिक्षा देते रहे। इतना ही नहीं सरकार से दोनों टीचर प्रमोशन लेकर हेड मास्टर भी बन गए। मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग के साथ ही आम लोग भी हैरान हैं।
जानकारी के मुताबिक, साल 2009 में फर्जी कागजात लगाकर अनिल कुमार और बृजेंद्र कुमार टीचर की नौकरी करने लगे। कानपुर देहात के झींझक का रहने वाला अनिल मुलाइ प्राथमिक विद्यालय में हेडमास्टर था। वहीं, बृजेंद्र कुमार शाहपुर मेहरा में प्राथमिक विद्यालय में हेडमास्टर था।
‘साले को ठगने के चक्करे में खुल गई पोल’
बर्रा थाने के इंस्पेक्टर सूर्य बली पांडे ने बताया कि बर्रा के रहने वाले संदीप राठौर ने एक साल पहले 2022 में ग्वालियर के रहने वाले अपने ममेरे जीजा राजीव के खिलाफ बर्रा थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें कहा था कि राजीव ने उसकी मां और बहन के साथ मिलकर टीचर की नौकरी दिलवाने के नाम पर 34 लाख रुपये लिए।
फर्जी टीचर बनने से किया इनकार’
इस काम में उनके साथ कानपुर का रहने वाला रामशरण कश्यप और उनका नौकर धर्मेंद्र भी शामिल था। सभी लोगों ने उसे टीचर बनाने के लिए फर्जी कागज बनाए थे। मगर, संदीप ने फर्जी कागज पर टीचर बनने से इनकार कर दिया। मगर, उसका पैसा वापस नहीं मिला।
’14 साल से बच्चों को पढ़ा रहे थे फर्जी टीचर’
पुलिस ने जब इस मामले में जांच शुरू की तो पता चला कि राजीव ने फर्जी कागजों के आधार पर दो और फर्जी टीचर बनाए हैं। इनका नाम अनिल कुमार और बृजेंद्र कुमार है। ये दोनों 14 साल से कानपुर देहात में टीचर बनकर छात्रों को पढ़ा रहे हैं। पुलिस ने इन दोनों के रिकॉर्ड चेक कराए तो पता चला कि दोनों फर्जी कागजात पर टीचर बने हैं। इसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।
अभी तक मामले में तीन लोग गिरफ्तार
इस मामले में एडीसीपी अशोक कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस ने दो युवकों को फर्जी कागज के आधार पर टीचर की नौकरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। उनकी नौकरी लगवाने वाला राजीव सिंह हाईकोर्ट से गिरफ्तारी का स्टे ला चुका है। इसी मामले में उसके साथी रामशरण कश्यप को कुछ दिनों पहले ही गिरफ्तार करके जेल भेज गया था।