केडीए ने बुधवार को कानपुर में अपनी 81340 वर्गमीटर जमीन को कब्जेदारों से मुक्त कराया। इस जमीन की अनुमानित कीमत 185 करोड़ रुपये है। केडीए उपाध्यक्ष मदन सिंह गर्ब्याल के आदेश पर अफसरों ने यह कार्रवाई की। इस दौरान विरोध करने वालों को पुलिस ने खदेड़ दिया। केडीए अब इस जमीन पर आवासीय योजना लाने जा रहा है।
केडीए अपनी जमीन पर आवासीय योजनाएं लाने के साथ ही लगातार अभियान चलाकर कब्जेदारों से अपनी भूमि भी खाली करा रहा है। बुधवार को केडीए दस्ते ने कब्जेदारों से अपनी 185 करोड़ की 81,340 वर्गमीटर जमीन खाली कराकर कब्जे में ली। दस्ते ने पक्के निर्माण बैकहो लोडर लगाकर गिरवा दिए। इस दौरान विरोध करने वालों को पुलिस ने खदेड़ दिया। प्राधिकरण खाली कराई गई जमीन का सर्वे कराकर आवासीय योजना लाने जा रहा है।
केडीए के जोन-चार में स्थित ग्राम दहेली सुजानपुर की आराजी संख्या 1766, 1865, 1863, 2196, 2112, 2105, 2005, 2004, 1884 में 49,800 वर्गमीटर, ग्राम सनिगवां की आराजी संख्या 992, 256, 204, 209 की 16,000 वर्गमीटर तथा ग्राम अहिरवां की आराजी संख्या 1296, 1173 की 18,540 वर्गमीटर समेत कुल 84340 वर्गमीटर जमीन पर लोगों ने कब्जा करके अवैध प्लाटिंग कर ली थी और पक्के निर्माण कर लिए थे। केडीए उपाध्यक्ष मदन सिंह गर्ब्याल के आदेश पर अफसरों ने भूमि खाली कराई। जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 170 करोड रुपये है।
केडीए ने 15 करोड़ की जमीन खाली करायी, पक्के निर्माण गिराए
वहीं केडीए के एक अन्य दस्ते ने बर्रा केयूडीपी योजना में स्थित 15 करोड़ रुपये की जमीन खाली करायी गयी। इस दौरान दस्ते ने पक्के निर्माण गिरा दिए। विरोध करने वालों को पुलिस ने खदेड़ दिया। केडीए उपाध्यक्ष मदन सिंह गर्ब्याल के आदेश पर अधिशासी अभियंता मयंक यादव की अगुवाई में दस्ते ने केयूडीपी बर्रा में कब्जेदारों से अपनी छह हाजर वर्ग मीटर जमीन खाली करायी। यहां पर गैस एजेंसी, वाहन ठीक करने वाली दुकानों व निर्माण सामग्री की दुकानें थी। इनको हटाकर कब्जा ले लिया। इस दौरानसहायक अभियंता सुधांशु श्रीवास्तव, अवर अभियन्ता रामदास भी मौजूद रहे।
फर्जी बैनामा कर बेची दूसरे की जमीन, मुकदमा दर्ज
वहीं उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में मृतका के नाम से फर्जी तरीके से जमीन बेचने के प्रकरण को लेकर पीड़ित ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में वाद दायर किया था। कोर्ट ने प्रकरण की सुनवाई करते हुए चार आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। सदर कोतवाली के अरबपुर मुहल्ला निवासी मोहम्मद फहीम पुत्र अब्दुल खालिक का आरोप है कि उसके पिता ने वर्ष 1997 में मां साइदुन के नाम से प्लाट खरीदा था। उसके पांचों भाई पढ़े लिखे नहीं हैं। उधर उस क्षेत्र में प्लाटिंग करके आबादी बसाई गई है। पांच भाइयों की जमीन पर रायशुमारी नहीं बनी तो उसे जस की तस जगह पर छोड़ रखा गया था। बाद में पता चला कि जमीन को बेच दिया गया है।
शहरूख, साइदुन, मोहम्मद मुस्ताक और जागेश्वर आदि ने कूटरचित तरीके से किसी महिला को खड़ा करके जमीन की रजिस्ट्री कर दी है जबकि उसकी मां की पहले ही मौत हो गई है। सदर कोतवाल तारकेश्वर राय नेबताया कि सीजेएम कोर्ट के आदेश पर चारों आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।