औरैया -कोरोना काल में कमजोर वर्ग के लोगों की आर्थिक स्थिति पर सीधे तौर पर असर पड़ा है। ऐसे में पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जिसकी शुरुआत जनवरी 2017 में की गई थी, अब वरदान साबित हो रही है। इस योजना का उद्देश्य गर्भवती और गर्भस्थ शिशु को पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराना है। योजना के तहत पहली बार मां बनने वाली गर्भवती के खाते में तीन किस्तों में 5000 रुपये दिए जाते हैं जिससे वह गर्भावस्था में पर्याप्त पोषक आहार ले सकें। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की मानें तो इस वित्तीय वर्ष में जुलाई माह 2020 तक 1786 लाभार्थियों को योजना का लाभ मिला है । योजना के तहत आर्थिक सहयोग पाकर महिलायें खुश हुईं और उन्होंने सरकार की इस योजना को सराहा है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अर्चना srivastava * ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत पहली बार गर्भवती हुयी महिला को 5000 रुपये सीधे बैंक के खाते में दिये जाते हैं। कोरोना काल में लोगों की आय पर असर पड़ा है और अन्य प्रांतों से मजदूरों ने घर वापसी की है। उन्होने बताया कि इस योजना का शत प्रतिशत लाभ पात्र गर्भवती को दिलाने के लिए सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रायः निर्देशित किया गया है कि कोई भी प्रवासी पात्र लाभार्थी भी इस योजना से वंचित न रहे। गर्भवती व धात्री महिलाओं के सही खान-पान व पोषण की स्थिति में सुधार लाना इस योजना का उद्देश्य है। कोरोना काल में प्रवासी कमजोर वर्ग परिवार सहित स्थानीय गर्भवती के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना वरदान साबित हो रही है।
योजना की जिला कार्यक्रम समन्वयक डाॅ आसमा नाज़ ने बताया कि राज्य स्तर से जनवरी 2017 से 31 जुलाई 2020 तक 26,293 लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य जिले को मिला था जिसमें 21,902 लाभार्थियों को लाभ दिया जा चुका है जो कि 83.03 प्रतिशत है। कोरोना महामारी के बावजूद अप्रैल 2020 से जुलाई 2020 तक कुल 1786 पंजीक्रत लाभार्थियों को लाभ दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग का पूरा प्रयास रहता है कि इस योजना का लाभ शत प्रतिशत पात्र लाभार्थियों तक पहुंचे। प्रत्येक माह लक्ष्य के सापेक्ष शत प्रतिशत लाभ दिलाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।
तीन किस्तों में मिलते हैं 5000 रुपये डाॅ नाज़ ने बताया कि योजना के तहत पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को पोषण के लिए 5,000 रुपये का लाभ तीन किश्तों में दिया जाता है। पंजीकरण कराने के साथ गर्भवती को पहली किश्त के रूप में 1000 रुपये दिए जाते हैं। प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने पर गर्भावस्था के छह माह बाद दूसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूर्ण होने पर तीसरी किश्त में 2000 रुपये दिए जाते हैं।
यह कहना है लाभार्थियों का अछलदा ब्लाक के घसारा गाँव की शीतला देवी ने बताया कि इस मुश्किल घड़ी में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत गर्भावस्था के कठिन समय में उन्हें अतिरिक्त पोषण व भोजन की आवश्यकता थी। तब तीन बार में 5000 रुपये मिले जिसकी तीसरी किस्त जुलाई में मिली है। इससे उनके इलाज और खान-पान में बहुत सहायता मिली है। वहीं लाभार्थी पूनम देवी ने बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। लेकिन आशा पुष्पा दीदी ने योजना के बारे में बताया और योजना के तहत तीन किस्तों में 5000 रुपये का लाभ भी दिलाया है। वर्तमान में जब सब काम धंधा बन्द हो गया है, ऐसे में यह योजना बहुत ही लाभदायक साबित हुयी है।
कैसे मिलेगा योजना का लाभ सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत प्रभारी चिकित्साधिकारी की निगरानी में गांव व वार्ड की आशा कार्यकर्ता, आशा संगिनी, एएनएम, बीसीपीएम/बीपीएम के माध्यम से फार्म भरा जाता है। लाभार्थियों को इस योजना का लाभ पाने के लिए मुख्य रूप से मातृ एवं शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड, आधार कार्ड और खाता की पासबुक की फोटो कॉपी फार्म भरते समय जमा करना होता है।
कोरोना काल में वरदान साबित हुई प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना
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