-उत्तर प्रदेश शासन ने निर्धारित की दरें
-सीईओ ने सभी सीएमओ को लिखा पत्र
औरैया-वायरस कोविड – 19 लड़ने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार लगातार कार्य कर रही है। इसी दिशा में सरकार ने कोरोना के मरीजों जो कि आयुष्मान योजना के लाभार्थी हैं को उचित दर पर इलाज मिले इसके लिए उपचार की दरों की घोषणा कर दी है। यह जानकारी जिले के आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के नोडल अधिकारी डॉ शिशिर पुरी ने दी है।
डॉ शिशिर पुरी ने बताया कि जिले में लौट रहे प्रवासी (कोरोना संक्रमित ) जो आयुष्मान भारत योजना के कार्डधारक हैं उनके लिए शासन स्तर से उपचार हेतु दरों का निर्धारण कर दिया गया है। जनरल वार्ड (आइसोलेशन) में भर्ती संक्रमित व्यक्तियों पर प्रति शैया प्रति दिन 1800 रुपये, हाईडिपेन्सी यूनिट (आइसोलेशन) में भर्ती संक्रमित व्यक्तियों पर प्रतिदिन 2700 रुपये, आई0सी0यू0 (वेन्टीलेटर रहित) में भर्ती संक्रमित व्यक्तियों पर प्रतिदिन 3600 रुपये एवं आई0सी0यू0 (वेन्टीलेटर सहित) में भर्ती संक्रमित व्यक्तियों पर प्रतिदिन 4500 रुपये उपचार पर खर्च करने का प्रावधान किया गया है। जनपद में वापस आ रहे प्रवासियों के लिये तीन क्वारटीन सेन्टर बनाये गये हैं।
उन्होने बताया इस संबंध में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की मुख्य कार्यपालक अधिकारी संगीता सिंह ने प्रदेश के सभी सीएमओ को पत्र लिखा है। तय दर से प्रतिदिन के हिसाब से सम्बन्धित केन्द्र पर ही भुगतान किया जायेगा। पत्र में निर्देशित किया गया है कि वायरस कोविड – 19 से संक्रमित आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना के लाभार्थियों के उपचार पर हुये व्यय की प्रर्तिपूति के सम्बन्ध में दरें निर्धारित की जा चुकी हैं। जिले में जिन चिकित्सालयों में कोरोना के मरीज भर्ती हैं उनमें आयुष्मान योजना के लाभार्थियों का उपचार तय दर पर ही किया जायेगा।
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ ज्योतींद्र मिश्रा ने बताया की शासनादेश जारी होने के तत्काल ही सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दिबियापुर में इटावा निवासी कोरोना संक्रमित को भर्ती किया गया है। उसका पूरा इलाज़ आयुष्मान योजना के अंतर्गत ही किया जा रहा है।
गौरतलब है कि जिले कुछ चिकित्सालयों को कोविड-19 समर्पित चिकित्सालय घोषित किया गया है। इसके साथ ही आयुष्मान योजना के अन्तर्गत उन्ही का उपचार किया जा सकता है जो गोल्डन कार्डधारक हैं। यदि योजना अन्तर्गत चिन्हित लाभार्थी का गोल्डन कार्ड नहीं बना है तो आरोग्य मित्र के माध्यम से सम्बन्धित महिला/पुरुष का गोल्डन कार्ड बनवाकर का उपचार कराना सुनिश्चित किया जाए। कोविड-19 के संक्रमण के चलते वर्तमान में योजनान्तर्गत उपचार प्रदान करने हेतु टीएमएस में बायो-मैट्रिक की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है।
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