जनपद में 1318 आशा कार्यकर्ता व संगिनी हर मोर्चे पर तैनात
औरैया-कोरोना संक्रमण काल में लोगों के बचाव में ढाल बनकर खड़ी फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं की हिम्मत और काम दोनों ही सराहनीय हैं। आशा कार्यकर्ता अपनी जान जोखिम में डालते हुए लगातार लोगों को कोरोना के प्रति जागरुक करने के साथ-साथ बाहर से आए प्रवासियों की जानकारी जुटाने में लगी हैं। इसलिए सरकार आशा और आशा संगिनियों को उनके काम के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दे रही है। जनपद में पिछले तीन माह में करीब 37 लाख 14 हज़ार रुपये बतौर प्रोत्साहन राशि दिए जा चुके हैं।
जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक (डीसीपीएम) अजय पाण्डेय का कहना है कि – जनपद की आशा कार्यकर्ता व संगिनी इस समय घर-घर जाकर सामाजिक दूरी का पालन करते हुए प्रवासियों की जानकारी जुटाने व लोगों को कोरोना के प्रति जागरुक कर रही हैं। निगरानी समिति के सदस्य के रूप में भी वह महत्वूर्ण भूमिका निभा रही हैं। प्रवासी या उनके परिवार के किसी भी सदस्य में खांसी, बुखार व सांस लेने में मुश्किल होने जैसे कोरोना के लक्षण दिखने पर स्वास्थ्य विभाग को तुरंत अवगत करा रही हैं। इसके साथ ही आशा कार्यकर्ता प्रवासी व्यक्ति के घर के बाहर होम क्वारंटाइन फ्लायर लगा रही हैं जिसे क्वारंटाइन अवधि समाप्त होने पर घर से हटा देती हैं। जहाँ सब लोग लम्बे समय से घरों में बंद हैं वहीँ आशा कार्यकर्ता और संगिनी अपने परिवारों की चिंता छोड़ संक्रमण का खतरा मोल लेते हुए भी अपना कर्तव्य बखूबी निभा रही हैं।
सरकार ने उनके इस योगदान को सराहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश के मिशन निदेशक विजय विश्वास पन्त ने कोविड-19 के नियंत्रण के लिए आशा को 1000 रुपये प्रति माह व संगिनी को 500 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने के निर्देश दिए थे।
डीसीपीएम ने बताया कि जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में 1,266 आशा कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त जिले में 52 आशा संगिनी भी अपनी सेवाएं दे रही हैं। इन्हें मार्च माह में करीब 12.14 लाख रुपये , अप्रैल माह में 10.51 लाख रुपये और मई माह में 10.49 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
सरकार की इस पहल का आशा कार्यकर्ता व संगिनियों ने किया स्वागत
कोविड-19 संक्रमण के दौर में भी स्वास्थ्य विभाग के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर खड़ी आशाओं व संगिनियों को उनके काम के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने के सरकार के फैसले का उन्होंने दिल से स्वागत किया है। ब्लॉक भाग्यनगर की आशा उर्मिला का कहना है – इस समय हम कोरोना संक्रमण रोकने में सरकार की मदद कर रहे हैं। गाँव-गाँव जाकर लोगों को जागरुक कर रहे हैं। सरकार इसके लिए हमें प्रोत्साहन राशि दे रही है, इससे हमारा मनोबल बढ़ा है और ख़ुशी भी मिली है। वहीँ उपकेंद्र पटना की आशा संगिनी लतादेवी ने कहा कि शुरुआत में प्रवासियों के साथ काम में थोड़ी परेशानी आई थी, पर अब सब लोग बात मानने लगे हैं। सरकार की सराहना और प्रोत्साहन राशि मिलने से काम के प्रति हमारा उत्साह बढ़ा है। हम और मेहनत से अपना काम करेंगे।
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