छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एनएसएस शिविर के दौरान गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के हिंदू छात्रों को नमाज पढ़ने के लिए मजबूर करने के आरोप में सात संकाय सदस्यों सहित आठ लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर में नामित व्यक्तियों को बयान दर्ज करने के लिए उपस्थित होने के लिए नोटिस दिया गया है।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) शिविर के दौरान गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के हिंदू छात्रों को नमाज पढ़ने के लिए मजबूर करने के आरोप में सात संकाय सदस्यों सहित आठ लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर में नामित व्यक्तियों को बयान दर्ज करने के लिए उपस्थित होने के लिए नोटिस दिया गया है। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के मुताबिक, बिलासपुर जिले के कोटा पुलिस स्टेशन की सीमा के अंतर्गत शिवतराई गांव में 26 मार्च से 1 अप्रैल के बीच आयोजित एनएसएस शिविर के दौरान 159 छात्रों को नमाज पढ़ने के लिए मजबूर किया गया, जबकि उनमें से केवल चार मुस्लिम छात्र थे। छात्रों के वापस आने और विरोध प्रदर्शन करने के बाद जांच शुरू की गई, जिसके बाद दक्षिणपंथी संगठनों ने कार्रवाई की मांग की थी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने इस मामले की जांच के लिए सिटी पुलिस अधीक्षक (कोतवाली) अक्षय सबदरा के नेतृत्व में चार सदस्यीय समिति गठित की थी। एसएसपी को जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद शनिवार को मामला दर्ज किया गया। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के सात संकाय सदस्यों सहित आठ लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया।
इसके साथ ही छत्तीसगढ़ धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत धर्म के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और अन्य अपराधों के लिए भी मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। कोटा थाना प्रभारी सुमित कुमार ने रविवार को बताया कि केस डायरी मिल गई है। इसके साथ ही इस मामले की जांच शुरू हो गई है।
विश्वविद्यालय प्रबंधन के मीडिया प्रभारी एमएन त्रिपाठी ने बताया था कि छात्रों ने एनएसएस कोऑर्डिनेटर और प्रोग्राम ऑफिसर पर जबरन धार्मिक गतिविधियों में शामिल करने का आरोप लगाया है। कोऑर्डिनेटर को निलंबित कर दिया गया है। यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी हिंदू देवी-देवताओं का कथित अपमान, भगवान बजरंगबली के मंदिर को तोड़ने और प्रशासनिक भवन में नमाज़ पढ़ने की घटनाएं हो चुकी हैं।