बाँदा:- बाँदा क्रषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में कुलपति द्वारा भर्ती के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। वही केंन्द्र सरकार की परियोजना पर भी भ्रष्ट कुलपति द्वारा ग्रहण लगाने का काम किया जा रहा है |सन 1972 से फसल अनुसंधान केंद्र मऊरानीपुर में संचालित अखिल भारतीय अनुसंधान परियोजना एवं सन 1983 से संचालित अलसी अनुसंधान परियोजना को बाँदा क्रषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के भ्रष्ट कुलपति डॉ यू एस गौतम ने नियमों की परवाह किये बिना बाँदा मुख्यालय में स्थानांतरित करने के आदेश दिनांक 30 मई 2020 को किए थे । विधि विरुद्ध किए गए स्थानांतरण से क्षेत्र की जनता एवं कर्मचारियों में बहुत रोष था जिसकी खबर अखबार और चैनल के माध्यम से साक्ष्य सहित माननीय कुलाधिपति उत्तर प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार सहित कृषि मंत्री केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार, महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली एवं प्रमुख सचिव कृषि ,कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान को संज्ञान लेने हेतु भेजा था | खबर की सत्यता को परख कर एवं नियम विरुद्ध स्थानांतरण की जानकारी होने पर केंद्र सरकार के प्रतिनिधि ने दूरभाष पर यह बताया कि यह कार्य कुलपति के अधिकार क्षेत्र से बाहर का है और जो केंद्र पिछले 48 वर्षों से राज्य एवं केंद्र की ईमानदारी से सफलता के साथ सेवा कार्य कर रहा है उसे बिना किसी उचित कारण एवं अनुमोदन लिए स्थानांतरण करना स्वस्थ परंपरा नहीं है एवं क्षेत्रीय जनता के हितों में कुठाराघात है | अतः भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली ने कुलपति को फोन कर स्थानांतरण को तत्काल निरस्त करने के लिए निर्देश दिए हैं साथ ही भारतीय कृषि तिलहन अनुसंधान केंद्र हैदराबाद, परियोजना प्रभारी फसल अनुसंधान केंद्र मऊरानीपुर एवं कुलपति बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को मेल भी भेज दिया गया है उन्होंने यह भी बताया कि यदि इन सब के बावजूद आदेशों की पालना नहीं होती तो फसल अनुसंधान केंद्र में कार्यरत कर्मियों का वेतन एवं अन्य खर्चे बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा देय होंगे तथा फसल अनुसंधान केंद्र मऊरानीपुर से भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र नई दिल्ली द्वारा विकसित संपत्तियां वापस लेकर केंद्र को निरस्त कर दिया जाएगा | अपुष्ट सूत्रों से यह जानकारी मिली है कि भारतीय तिलहन अनुसंधान केंद्र हैदराबाद ने भी बाँदा कृषि विश्वविद्यालय को मेल भेजकर इस स्थानांतरण को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने का अनुरोध किया है और यह कहा है कि यह सब कार्य क्षेत्र भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली की वार्षिक बैठक में निश्चित होते हैं अतः सभी अनुसंधान कार्य फसल अनुसंधान केंद्र मऊरानीपुर से ही संचालित होंगे अब यह परियोजना बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मे स्थानांतरित नहीं की जाएंगी | इस संदर्भ में पिछले दिनों बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में लैब का उद्घाटन करने आए कृषि ,कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही से भी पत्रकारों ने इस संदर्भ में सवाल किए थे जिस पर मंत्री महोदय ने अपनी अनभिज्ञता जाहिर करते हुए मीडिया की खबरों का संज्ञान लेकर इस पर सख्त कार्रवाई की बात कही थी | पत्रकार वार्ता के दौरान कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि इस तरह की सूचना किसी के द्वारा मेल पर भेजी गई है जिस पर तुरंत संज्ञान लेते हुए एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाकर इसकी जांच कराने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाने की बात कही थी |मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि केंद्र और प्रदेश में भाजपा की एक ईमानदार सरकार है |मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी तरह के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा | अगर कहीं कोई अधिकारी किसी तरह के भ्रष्टाचार में संलिप्त पाया जाता है तो उस पर जांच कर नियमानुसार सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी | अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के भ्रष्ट कुलपति के खिलाफ मंत्री जी द्वारा पत्रकार वार्ता के दौरान दिए गए आश्वासन कितना खरा बैठता है |विश्वविद्यालय में कुलपति द्वारा भाई, भतीजावाद एवं क्षेत्र वाद से राज्यसरकार पहले से ही असमंजस में है जिस पर जाँच कमेटी बनाने की सूचना वार्ता के दौरान बताई गई थी | इन क्रत्यों के लिए कुलपति पर कार्यवाही की जाएगी या अन्य मामलों की तरह यह भी भ्रष्ट कुलपति को आशीर्वाद देकर मामले को दबा दिया जाएगा |
नहीं हटेगी मऊरानीपुर से तिल एवं अलसी अनुसंधान परियोजना
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