Friday, February 7, 2025
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पांच साल तक के बच्चों को आज से मिलेगी पोषण की खुराक

कानपुर बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और रतौंधी सहित आंखों की अन्य बीमारियों से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग एवं बाल विकास विभाग द्वारा संयुक्त रूप से मिलकर विटामिन ‘ए’ की खुराक पिलाने के लिए जनपद में बाल स्वास्थ्य पोषण माह के प्रथम चरण का आयोजन 13 अगस्त से 5 सितम्बर तक किया जायेगा। अभियान के दौरान 09 माह से 05 वर्ष तक के कुल 5.78 लाख बच्चों को विटामिन-ए की खुराक पिलाये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एके कन्नौजिया ने बताया की इस चरण में केवल विटामिन ए सम्पूरण किया जायेगा। अभियान के दौरान 09 माह से 05 वर्ष तक के कुल 5 लाख 78 हज़ार 651 बच्चों को विटामिन-ए की खुराक पिलाये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कार्यक्रम का शुभारम्भ नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बैरी, कल्यानपुर में किया जायेगा। उन्होंने बताया कि एक माह तक चलने वाले इस कार्यक्रम का उद्देश्य 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों में रोगों से लड़ने की क्षमता में वृद्धि,मृत्यु दर में कमी लाना. रतौंधी एवं कुपोषण से बचाव तथा बच्चों को विटामिन ए की खुराक के साथ-साथ उनको क्या-क्या पोषण आहार दिए जाए इसके प्रति जागरूक किया जाएगा।

डॉ कन्नौजिया ने बताया कि स्वास्थ्य एवं बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के सहयोग से संचालित बाल स्वास्थ्य पोषण माह विटामिन-ए सम्पूर्ण कार्यक्रम टीकाकरण का एक अभिन्न अंग है जो प्रतिवर्ष दो चरणों में जून और दिसम्बर महीने में टीकाकरण सत्रों पर आयोजित किया जाता है। इस बार कोरोना के चलते यह कार्यक्रम लेट से शुरू हुआ है लेकिन इस दौरान पूरे महा चलने वाले कार्यक्रम में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत कार्यक्रम संपन्न होगा।

यूनीसेफ के जिला समन्वयक देवकांत शर्मा ने बताया कि विटामिन ए आंखों के लिए लाभदायक होता है।इससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। तथा यह आंखों की रोशनी को तेज कर उसकी मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत 9 से 12 माह के 33,799 , एक से दो साल 1,45,330 और 2 से 5 साल के 3,99,522 बच्चे हैं। बच्चों को दवा पिलाने के लिए आशा,आंगनवाड़ी और एएनएम कार्यकर्ता को जिम्मेदारी दी जाएगी।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एसएमओ डॉ अल्पना ने बताया कि टीकाकरण सत्र पर प्रत्येक बच्चे को विटामिन ए की खुराक पिलाने के लिए हर बार एक नई चम्मच की व्यवस्था की जाये और एएनएम द्वारा हर बार खुराक पिलाने के बाद अपने हाथों को सैनेटाईज किया जाये जिससे कोरोना फैलने का खतरा कम हो। सी.एन.एन.एस. 2016-18 के अनुसार प्रदेश में 1 से 4 वर्ष के 16.9 प्रतिशत बच्चे विटामिन ए की कमी से ग्रसित हैं।

क्या है विटामिन ए संपूरण

विटामिन ए एक घुलनशील विटामिन है। जो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह सूक्ष्म पोशक तत्व कुपोषण से बचाता है। प्रदेश में लगभग 60 फीसदी बच्चों में विटामिन ए की कमी होने का खतरा होता है, जो बच्चों में बीमारी और मृत्युदर की संभावनाओं को बढ़ाता है। विटामिन ए पिलाए जाने से सभी कारणों से मृत्यु में 23 प्रतिशत की कमी, खसरे के कारण होने वाली मृत्यु में 50 फीसदी की कमी, अतिसार रोग के कारण होने वाली मौतों में 33 फीसदी की कमी आएगी।

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