प्रयागराज में चौकी प्रभारी ने बीच सड़क एक अधिवक्ता को पीट दिया। इस घटना के बाद अधिवक्ताओं ने सड़क पर बैरिकेड्स लगाकर धरना दिया। पीड़ित अधिवक्ता की तहरीर पर चौकी प्रभारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। डीसीपी नगर ने दारोगा को निलंबित कर दिया है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने मुख्य न्यायाधीश से घटना का स्वतः संज्ञान लेने का आग्रह किया है।
हिंदू हास्टल चौराहे पर मंगलवार सुबह वीवीआइपी मूवमेंट के दौरान चौकी प्रभारी नाका अतुल कुमार सिंह ने हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरेंद्र सिंह को पीट दिया। इसके बाद आक्रोशित अधिवक्ताओं ने चौराहे पर बैरिकेड्स लगा दिया और धरने पर बैठ गए। पुलिस अधिकारियों ने समझा-बुझाकर सभी को सड़क से हटाया। पीड़ित अधिवक्ता की तहरीर पर चौकी प्रभारी के खिलाफ कर्नलगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। इधर डीसीपी नगर अभिषेक भारती ने दारोगा अतुल कुमार सिंह को निलंबित कर दिया है। यह घटनाक्रम दिन भर इंटरनेट मीडिया पर वायरल रहा।
बाइक से कोर्ट जा रहे थे अधिवक्ता
चित्रकूट जनपद के खोह कर्वी निवासी धीरेंद्र सिंह हाई कोर्ट में अधिवक्ता हैं। मंगलवार सुबह करीब 11 बजे वह बाइक से हाई कोर्ट जा रहे थे। उस समय वीवीआइपी मूवमेंट था, जिस कारण हिंदू हास्टल चौराहे पर पुलिसकर्मी तैनात थे।
जैसे ही धीरेंद्र सिंह चौराहे पर पहुंचे, वहां मौजूद चौकी प्रभारी ने उन्हें पकड़ लिया। अपशब्द कहते हुए उनकी पिटाई शुरू कर दी। आरोप है कि दारोगा ने पिस्टल निकालते हुए जान से मारने की धमकी दी। कोट भी फाड़ दिया। उसी समय काफी संख्या में अधिवक्ता पहुंच गए। यह देखकर चौकी प्रभारी वहां से भाग निकला।
हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की मांग, मुख्य न्यायाधीश से स्वतः संज्ञान लेने आग्रह
हाई कोर्ट बार एसोसिशएन इलाहाबाद ने हिंदू हास्टल चौराहे पर अधिवक्ताओं से अभद्रता पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली से घटना का स्वतः संज्ञान लेने का आग्रह किया है। उपनिरीक्षक के निलंबन को अपर्याप्त बताते इस दौरान उपस्थित अधिकारियों के सेवामुक्ति की मांग की है।
हाई कोर्ट से स्वत: संज्ञान की मांग
मुख्य न्यायाधीश को सौंपे गए ज्ञापन में एसोसिएशन का कहना है कि प्रकरण में दोषी सभी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध विभागीय व कानूनी कार्रवाई के अतिरिक्त उनके विरुद्ध एफआइआर के साथ ही उनको चिह्नित कर सेवामुक्त करने का आदेश पारित किया जाए। बार एसोसिएशन अध्यक्ष अनिल तिवारी ने दोपहर दो बजे मुख्य न्यायमूर्ति से मामला स्वतः संज्ञान (सुओ मोटो) लेने का अनुरोध किया। मुख्य न्यायमूर्ति ने लिखित में शिकायत देने के लिए कहा। बुधवार को इस प्रकरण की सुनवाई हो सकती है।