Monday, April 28, 2025
HomeLatest Newsबांझपन का मुख्य कारण हो सकती है जननांग टीबी : डॉ...

बांझपन का मुख्य कारण हो सकती है जननांग टीबी : डॉ जाटव

इटावा महिलाओं में जननांग टीबी एक बड़ी बीमारी है, क्योंकि यह कई परिस्थितियों में बिना लक्षणों के साथ उत्पन्न होती है | यह माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक संक्रमित जीवाणुओं के शरीर में प्रवेश होने के कारण होता है। यह कई बार क्षय रोग का प्रमुख कारण भी बनता है। वैसे तो मुख्य रूप से सबसे अधिक हमारे फेफड़े इससे प्रभावित होते हैं, लेकिन स्त्रियों में बढ़ता बांझपन का कारण भी टीबी है। इसे जेनाईटल या पेल्विक टीबी भी कहते हैं | इस रोग से महिला की ओवरी, जननांग और सर्विक्स प्रभावित होते हैं | यह कहना है जिला महिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अशोक जाटव का।
डॉ जाटव बताते हैं कि 90 प्रतिशत जननांगों की टीबी 15 से 40 साल की महिलाओं में होती है। पिछले कुछ सालों में जननांगों की टीबी 10 प्रतिशत से बढ़कर 30 प्रतिशत हो गई है । कई बार जांच में इस रोग की पुष्टि होती है सामान्य टीबी के इलाज से जननांगों की टीबी ठीक हो जाती है।

डॉ जाटव ने बताया कि करीब 60 से 80 प्रतिशत महिलाओं में बांझपन का कारण टीबी के रूप में जो सामने आता है , उसमें 95 प्रतिशत फैलिपियन ट्यूब में टीबी के केस पाए गए हैं। टीबी से फेलिपियन ट्यूब को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचता है । प्रारंभिक अवस्था में इलाज नहीं हो तो आगे स्थिति गंभीर हो सकती है | टीबी बैक्टीरिया मुख्य रूप से फैलोपियन ट्यूब को बंद कर देता है, जिसकी वजह से गर्भ नहीं ठहरता और इसके अलावा वजाइना में भी 1 प्रतिशत टीबी के मामले देखे गए हैं।

क्या है गर्भाशय टीबी

आमतौर पर तपेदिक या टीबी स्त्रियों के जननांग जैसे अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब,गर्भाशय, गर्भाशय ग्रीवा, तथा योनि में आसपास के लिंफ नोड्स को प्रभावित करता है।यह रोग मुख्यता महिलाओं को प्रसव अवधि के दौरान प्रभावित करता है और अक्सर बांझपन का कारण बन जाता है, क्योंकि बैक्टीरिया जननांग पर हमला करते हैं। फेफड़ों में संक्रमण होते हैं इसका पता लगाना शुरुआत में आसान है लेकिन अगर बैक्टीरिया सीधे जननांग अंगों पर हमला करता है तो बाद के स्टेज में इसका पता लगाना मुश्किल होता है।

परीक्षण व उपचार

इसका समय पर उपचार हो जाए तो गर्भधारण में समस्या नहीं आती। इसका पता लगाने के लिए कोई विशिष्ट जांच नहीं । एंडोमेट्रियल बायोप्सी और लेप्रोस्कोपी का उपयोग यह जांचने के लिए किया जाता है।

गर्भाशय टीबी से बचने के उपाय

• स्वच्छता का ध्यान रखें कमरे को रोशनी हवा युक्त रखें।
• खानपान शुद्ध व पौष्टिक रखें
• निचले पेट में गंभीर दर्द , अनियमित मासिक धर्म ,योनि स्राव होने पर डॉक्टर से सलाह लें।

RELATED ARTICLES

27 COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular