ग्रामीणों का कहना है कि गांव में एक व्यक्ति ने पोल्ट्री फार्म खोला है, जिससे वे खासे परेशान हैं। पूरा गांव बदबू, गंदगी और मक्खियों की चपेट में है। जीवन यापन, खाना-पीना सब दूभर हो गया है। बंद कराने की मांग रहे हैं, लेकिन कोई ध्यान ही नहीं दे रहा है।
छत्तीसगढ़ में ‘मुर्गों’ ने एक गांव बंद करा दिया है। गांव के लोग इन मुर्गों से परेशान हैं। ऐसे में मंगलवार को ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट का घेराव कर दिया। घंटों धूप में बैठे रहे, लेकिन कलेक्टर साहब मिलने ही नहीं आए। ग्रामीणों के बैठने से सड़क और कलेक्ट्रेट परिसर में जाम की स्थिति बन गई। यह देखकर अफसरों ने समझाया, पर ग्रामीण मानने को तैयार नहीं हैं। सारा विवाद गांव में खुले पोल्ट्री फॉर्म को लेकर है। ग्रामीणों का आरोप है कि अफसर जांच करने के लिए तो आते हैं, लेकिन मिक्सचर और बिस्किट खाकर लौट जाते हैं।
कलेक्टर मिलने नहीं आए तो कार्यालय के बाहर बैठे ग्रामीण
दरअसल, मामला जिले के डौंडीलोहारा ब्लाक के ग्राम अरज पूरी का है। यहां पर पोल्ट्री फार्म खोला गया है। इसके विरोध में ग्रामीणों ने मंगलवार को गांव बंद करा दिया और बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंच गए। इससे पहले ग्रामीणों ने मंत्री अनिला भेड़िया के घर को घेरने की धमकी भी दी थी। कलेक्ट्रेट में ग्रामीण तो पहुंच गए, लेकिन कलेक्टर मिलने ही नहीं आए। इस पर ग्रामीण भड़क गए और उनके इंतजार में कार्यालय के बाहर जमीन पर बैठे हैं। घंटों से चल रहे उनके प्रदर्शन के कारण यातायात प्रभावित हो गया। लोगों के वाहन फंस गए।
ग्रामीण बोले- अफसरों के चक्कर काट-काटकर थक गए
इसके बाद से अधिकारी लगातार ग्रामीणों को मनाने के लिए जुटे रहे। इसमें एसडीओपी, थाना प्रभारी, एसडीएम, तहसीलदार सब शामिल हैं। एसडीएम ने कहा कि, आप सब अपने कागज हमें दे दीजिए, हम कलेक्टर साहब तक पहुंचा देते हैं, लेकिन ग्रामीण कलेक्टर से मिलने को अड़े रहे। ग्रामीणों का कहना था कि हम सैकड़ों की संख्या में आए हैं तो कलेक्टर से मिलकर अपनी बात को रखेंगे। कहा कि, डेढ़ वर्षों से अधिकारियों के चक्कर काट-काट के हम सब परेशान हो गए हैं। कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
एक पोल्ट्री फार्म से पूरा गांव परेशान
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में एक व्यक्ति ने पोल्ट्री फार्म खोला है, जिससे वे खासे परेशान हैं। पूरा गांव बदबू, गंदगी और मक्खियों की चपेट में है। जीवन यापन, खाना-पीना सब दूभर हो गया है। बंद कराने की मांग रहे हैं, लेकिन कोई ध्यान ही नहीं दे रहा है। सरपंच कुहकी मंडावी ने बताया कि पहले भी अपनी शिकायत लेकर पहुंचे हैं, लेकिन कोई निर्णय नहीं हुआ। सरपंच ने आरोप लगाया कि जांच के लिए अधिकारी आते तो है, पर मिक्चर और बिस्किट खाकर लौट जाते हैं। यहां तक की किसी को सूचना तक नहीं दी जाती।
एसडीएम ने कहा न्यायालयीन प्रक्रिया
डौंडीलोहारा के एसडीएम मनोज मार्क आप ने ग्रामीणों को बार-बार बताया कि यह एक न्यायालयीन प्रक्रिया में है। संचालकों को नोटिस जारी किया गया है। नोटिस का जवाब मिलने के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सीधे-सीधे मैं उस जगह को बंद नहीं करा सकता, वरना मुझे कोर्ट के चक्कर काटने पड़ेंगे। इनके साथ-साथ अन्य अधिकारी-कर्मचारी भी समझाते रहे कि जो भी होगा नियम से होगा, लेकिन ग्रामीण इतने परेशान है कि वह सड़क पर ही कड़ी धूप में घंटों बैठे रहे।