Friday, January 17, 2025
HomeLatest Newsमौलिक कर्तव्यों की अवधारणा और वर्तमान में उनकी प्रासंगिकता

मौलिक कर्तव्यों की अवधारणा और वर्तमान में उनकी प्रासंगिकता

रासायन विज्ञान विभाग डीजी कॉलेज कानपुर द्वारा दो दिवसीय वेबिनार विषय हमारा जीवन हमारे अधिकार पर दूसरे दिन डॉ संजीव कुमार अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट ने अवगत कराया कि प्राकृतिक अधिकार वे हैं जो किसी विशेष संस्कृति या सरकार के नियमों या रिवाजों पर निर्भर नहीं होते, अतः सार्वभौमिक और अविच्छेद्य होते हैं (अर्थात्, वे अधिकार जो मानवीय नियमों द्वारा निरसित या निरुद्ध नहीं कियें जा सकते)।·कानूनी अधिकार कानूनी तौर पर गारंटी वाली शक्तियों को कानूनी संस्था के पास उपलब्ध कराने के लिए या उसके संपूर्ण विश्व के खिलाफ कानूनी और कानूनी दावों या रुचियों की रक्षा करना। कानूनी अधिकार हर नागरिक को प्रभावित करते हैं, चाहे अस्तित्व ऐसे अधिकार सार्वजनिक रूप से ज्ञात हो या नहीं। संवैधानिक अधिकार। समापन समारोह के मुख्यातिथि जे एन पी जी कॉलेज लखनऊ रासायन विज्ञान विभाग विभागाध्यक्ष डॉ डीके अवस्थी रहें प्रतिपुष्टि डॉ अलका तांगड़ी, डॉ गार्गी यादव डॉ मीत कमल,डॉ अनंदिता ने किया। स्वागत प्राचार्या डॉ साधना सिंह ने संचालन डॉ अर्चना दीक्षित धन्यवाद ज्ञापन डॉ रचना प्रकाश तथा कार्यक्रम को सफल बनाने में विभागीय डॉ अलका डॉ शशि डॉ प्रियदर्शिनी डॉ सोनिया रही,देश से400 लोगों ने प्रतिभाग किया।

RELATED ARTICLES

7 COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular