उत्तर प्रदेश के बरेली में एक पाकिस्तानी महिला फर्जी दस्तावेज के जरिए 2015 से सरकारी शिक्षिका बनकर काम कर रही थी। जांच में सच्चाई सामने आने के बाद महिला को निलंबित कर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इस घटना के खुलासे के बाद बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया।
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र के माधोपुर प्राथमिक स्कूल में सहायक अध्यापिका के पद पर कार्यरत एक महिला के फर्जी दस्तावेजों का खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि शुमायला खान नाम की महिला ने कूटरचित निवास प्रमाण पत्र के आधार पर यह नौकरी हासिल की थी।
हैरान कर देने वाली बात यह रही कि शुमायला खान पाकिस्तानी नागरिक हैं। उन्होंने रामपुर में तहसीलदार सदर के नाम से फर्जी निवास प्रमाण पत्र तैयार कर 2015 में प्राथमिक स्कूल माधोपुर में नौकरी हासिल की. शिक्षा विभाग की जांच में जब दस्तावेजों की पड़ताल की गई, तो सच्चाई सामने आई। इसके बाद अक्टूबर 2024 में महिला को निलंबित कर दिया गया।
फर्जी दस्तावेजों से पाकिस्तानी महिला बनी टीचर
बेसिक शिक्षा अधिकारी के आदेश पर फतेहगंज पश्चिमी थाने में शुमायला खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। थाना प्रभारी ने बताया कि IPC की धारा 419, 420, 467, 468 और 471 के तहत दर्ज किया गया है।
इस घटना के खुलासे के बाद बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। यह पहला मौका जब विभाग में एक पाकिस्तानी नागरिक ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी नौकरी मिली। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि 2015 में दस्तावेजों की जांच क्यों नहीं की गई।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की
पुलिस अधीक्षक उत्तरी मुकेश चंद मिश्रा ने बताया कि जांच रिपोर्ट और तहसीलदार सदर रामपुर की पुष्टि के आधार पर महिला को नौकरी से हटा दिया गया है। मामले में आगे की कार्रवाई जारी है। इस मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।