इस मुद्दे को सबसे पहले प्रमुखता से सितंबर 2024 में आजतक न्यूज ने उठाया था और पीड़ित परिवारों की आवाज को सरकार तक पहुंचाया। अब कैबिनेट से इसकी मंजूरी भी मिल गई है मृतक आश्रितों और उनके परिजनों ने आज तक का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यदि मीडिया उनकी पीड़ा को सामने नहीं लाता, तो शायद उन्हें यह अधिकार मिलना और भी मुश्किल हो जाता।
उत्तर प्रदेश में लंबे समय से लंबित एक महत्वपूर्ण मुद्दे का समाधान आखिरकार सामने आ गया है। राज्य सरकार ने परिवहन निगम में मृतक आश्रित कोटे के तहत नियुक्तियों को मंजूरी दे दी है। यह फैसला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में लिया गया। इस फैसले से उन 1165 परिवारों को राहत मिलेगी, जिनके परिजन सेवा के दौरान निगम में दिवंगत हो गए थे और उनके आश्रित वर्षों से नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे थे।
इस मुद्दे को सबसे पहले प्रमुखता से सितंबर 2024 में आजतक न्यूज ने उठाया था और पीड़ित परिवारों की आवाज को सरकार तक पहुंचाया। अब कैबिनेट से इसकी मंजूरी भी मिल गई है।मृतक तक आश्रितों और उनके परिजनों ने आज तक का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यदि मीडिया उनकी पीड़ा को सामने नहीं लाता, तो शायद उन्हें यह अधिकार मिलना और भी मुश्किल हो जाता।
उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि वर्ष 2016 में अंतिम बार मृतक आश्रित कोटे के तहत नियुक्तियाँ की गई थीं।
लेकिन 2020 में जब वैश्विक महामारी कोविड-19 आई, तो यह प्रक्रिया रुक गई। महामारी के प्रभाव के चलते परिवहन निगम को भी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा, जिस कारण आगे की नियुक्तियों को रोकना पड़ा। अब जबकि निगम वित्तीय रूप से मजबूत हो चुका है, तो शासन को पत्र भेजकर यह प्रक्रिया पुनः शुरू करने की सिफारिश की गई थी, जिसे अब मंजूरी मिल गई है।
परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली ने कहा कि मृतक आश्रितों की नियुक्ति से निगम को ऑपरेशनल स्तर पर मजबूती मिलेगी। कर्मचारियों की कमी दूर होगी और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार आएगा। इसके साथ ही निगम की आय भी प्रभावित होगी, क्योंकि स्टाफ की पूर्णता से कामकाज और सुचारू रूप से संचालित हो सकेगा। उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही पात्र मृतक आश्रितों को नियुक्ति पत्र सौंपे जाएंगे।