वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन पर GRP और RPF की कार्रवाई में लाखों की कीमत के 35 प्रतिबंधित कछुए बरामद किए गए हैं। ये कछुए तस्करी के जरिए तंत्र-मंत्र और दवाओं के लिए ले जाए जा रहे थे। चेकिंग के दौरान लावारिस दो बैगों से इन कछुओं को बरामद किया गया, जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 8 लाख रुपये आंकी गई है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन पर GRP और RPF की टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए 35 प्रतिबंधित कछुओं को बरामद किया है। इन कछुओं की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 8 लाख रुपये बताई जा रही है। ये कछुए तंत्र-मंत्र और दवाओं के लिए तस्करी कर ले जाए जा रहे थे।
जानकारी के अनुसार, कैंट रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर चेकिंग के दौरान यह कछुए बरामद किए गए। GRP इंस्पेक्टर हेमंत सिंह के अनुसार, प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर दून एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर-13010) प्लेटफॉर्म पर पहुंची थी। इस दौरान टीम चेकिंग कर रही थी। तभी टीम को जनरल कोच में दो लावारिस बैग (एक पिट्टू बैग और एक झोला) मिले।
टीम ने यात्रियों से पूछताछ की कि बैग किसका है, लेकिन किसी ने बैग को अपना नहीं बताया। इसके बाद जब बैग की जांच की गई तो अंदर जूट की बोरियों में जीवित कछुए पाए गए। पिट्टू बैग में 20 और झोले में 15 कछुए मौजूद थे। इन कछुओं का इस्तेमाल तंत्र-मंत्र और दवाओं के निर्माण में किया जाता है।
बरामद हुए कछुओं की अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारी डिमांड है, जिससे इनकी तस्करी तेजी से बढ़ी है। तस्करों ने इन कछुओं को बेचने के लिए लावारिस बैग में रखा था और ट्रेन के जरिए उन्हें ले जा रहे थे। वन विभाग ने कछुओं की कीमत करीब 8 लाख रुपये आंकी है।
कछुओं की ये खेप बरामद होने के बाद वन विभाग के साथ-साथ GRP और RPF की टीम ने जांच शुरू कर दी है। GRP इंस्पेक्टर हेमंत सिंह ने बताया कि प्लेटफॉर्म पर नियमित चेकिंग के दौरान ये बैग बरामद हुए। इनमें पाए गए कछुए प्रतिबंधित हैं। मामले की जांच की जा रही है।