Wednesday, September 11, 2024
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शर्मनाक: जाम में फंसी एम्बुलेंस में प्रसव…नवजात की मौत, कानपुर-हमीरपुर हाईवे पर आठ घंटे तक लगा रहा जाम

मेट्रो निर्माण के चलते कानपुर-हमीरपुर हाईवे पर आठ घंटे तक जाम लगा रहा। इसके कारण संपर्क मार्ग पर भी जाम लगा रहा और जामू नहर पुल के पास ही एम्बुलेंस फंसी रही। इसमें प्रसूता का प्रसव कराया गया, लेकिन नवजात की मौत हो गई।

कानपुर में नौबस्ता-हमीरपुर हाईवे पर मेट्रो निर्माण के चलते आठ घंटे तक लगे जाम में बिधनू के पास फंसी एम्बुलेंस में प्रसूता का प्रसव कराना पड़ गया। नवजात की एम्बुलेंस में ही मौत हो गई। वहीं, एक और एम्बुलेंस जाम में फंसी रही। इसके कारण प्रसूता का अस्पताल गेट पर ही प्रसव हो गया।

नौबस्ता में मेट्रो निर्माण के चलते कानपुर-हमीरपुर हाईवे पर अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है। बृहस्पतिवार देर रात करीब तीन बजे जाम लगा, जो शुक्रवार सुबह 11 बजे तक लगा रहा। पुलिस ने जाम खुलवाने के लिए बिधनू नहर से रामसनेही मिश्र मार्ग से किसान नगर की तरफ भारी वाहनों को डायवर्ट कर दिया।

जामू नहर पुल के पास फंस गई एम्बुलेंस
इसके चलते इस मार्ग पर भी जाम लग गया। इस बीच सचेंडी के पलरा गांव निवासी कमलेश की गर्भवती पत्नी सोनी (35) को प्रसव पीड़ा होने लगी। इसपर आशा बहू संगीता ने कंट्रोल रूम पर फोन कर एम्बुलेंस बुलवाई। संपर्क मार्ग पर जाम के चलते एम्बुलेंस जामू नहर पुल के पास फंस गई।

एम्बुलेंस में ही कराना पड़ा प्रसव
इसी दौरान प्रसव पीड़ा बढ़ने पर आशा बहू और प्रसूता की सास को ही एम्बुलेंस में ही प्रसव कराना पड़ा। प्रसव के बाद भी एम्बुलेंस जाम में ही फंसी रही और नवजात की मौत हो गई। करीब एक घंटे बाद जाम खुलने पर प्रसूता को सीएचसी में भर्ती कराया जा सका। इस घटना से परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल रहा।

स्वास्थ्य अपर निदेशक दिए जांच के आदेश
सीएचसी का निरीक्षण कर स्वास्थ्य अपर निदेशक डॉ. संजू अग्रवाल ने प्रसूताओं से बातकर चिकित्साधीक्षक डॉ. नीरज सचान को बिना ईएमटी के चल रही एम्बुलेंस की रिपोर्ट देने के साथ ही मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

घटना दुखद है। मेट्रो के अधिकारियों से समन्वय बनाकर आगे की रणनीति तय की जाएगी, जिससे कि दोबारा ऐसी स्थिति न बन सके। इसके साथ ही ट्रैफिक पुलिस से भी इस संबंध में जवाब लिया जाएगा। मामले की जांच कराई जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। –हरीश चंदर, एडीशनल सीपी, काननू व्यवस्था

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