वायरस के खतरे और तपती गर्मी में भी प्रीती निभा रहीं बड़ी ज़िम्मेदारा
*कानपुर-“गाँव में जो लोग बाहर से आये हैं उन्हें कहाँ क्वारेंटाइन किया गया है इसका भी नियमित फालोअप कर रहे हैं । रोजाना 10-20 घरों तक पहुँचते हैं। लोगों को बचाव की जानकारी भी देते हैं और फार्मेट भी भर लेते हैं। हर दिन की रिपोर्ट आशा संगिनी को भेजनी पड़ती है,” यह कहना है ककवन ब्लाक के गाँव रहीमपुर बिषधन की आशा कार्यकर्ता प्रीती यादव का। प्रीती जनपद की उन आशा कार्यकर्ताओं में से एक हैं जो इस वक़्त वायरस के खतरे और चढ़ते हुए पारे में भी पूरे जोश के साथ प्रवासियों की जानकारी लेने और लोगों को कोरोना के प्रति जागरुक करने में जुटी हैं।
आशा कार्यकर्ता प्रीती बताती हैं कि मुश्किल की इस घड़ी में उन्हें परेशानी तो हो रही है, कोरोना को लेकर सर्वे के दौरान संक्रमण का खतरा भी है, लेकिन वे पूर्ण सावधानी बरत रही हैं, उन्हें अपने से अधिक समाज की फिक्र है और इसी उम्मीद के साथ वे अपने कर्तव्य पर डटी हुई हैं। प्रीती कहती हैं कि कोरोना को लेकर विभागीय कार्य के साथ वे लोगों को जागरूक भी कर रही हैं। कोरोना समाप्त होने तक उनकी जंग जारी रहेगी।
प्रीती बताती हैं कि वह वर्ष 2016 से आशा कार्यकर्ता के पद पर काम रही हैं । प्रीती की सास आशा के पद पर पहले से कार्यरत थी पर जब उन्हें आशा संगिनी के पद पर पदोन्नति प्राप्त हुई ऐसे में आशा का पद रिक्त हो गया। समाज के लिए हमेशा से ही कुछ कर गुजरने की इच्छा प्रीती के मन में थी। तभी पति और घरवालों के उत्साहित करने पर प्रीती ने आशा पद के लिये आवेदन किया और चयनित होकर कार्य करने लगी।वह बताती है कि अभी तक वह लगभग 100 से अधिक महिलाओं का प्रसव करवा चुकी हैं। पर आम दिनों की अपेक्षा अब समय मुश्किल भरा है।
प्रीती कहती हैं कि कोरोना का संक्रमण गाँव में न फैले, इसके लिए बाहर से आए प्रवासियों की जानकारी इकट्ठा कर रही हूँ। उनके क्षेत्र में अब तक 20-30 प्रवासी आए हैं, जिनकी लिस्ट बनाकर सीएचसी स्तर पर जमा कर दी है।
*हर मोड़ पर निभा रही साथ*
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ककवन के ब्लॉक सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक अम्ब्रीश का कहना है कि वह प्रवासियों की निगरानी के लिए गठित ग्राम एवं शहरी निगरानी समितियों की सदस्य के रूप में बाहर से आने वालों और होम क्वारंटाइन किये गए लोगों पर भी नज़र रख रही हैं। आशा कार्यकर्ताओं के बिना समुदाय में काम करना मुमकिन नहीं है।
प्रीती जनपद की तमाम आशा कार्यकर्ताओं में से एक हैं जो ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था की महत्वपूर्ण रीढ़ हैं। जननी एवं शिशु सुरक्षा की सेवाएं घर-घर पहुंचाने तथा मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने में स्वास्थ्य विभाग और समुदाय के बीच मज़बूत कड़ी का काम करने वाली आशा वर्कर्स कोरोना उन्मूलन की जंग में भी दिन-रात सेवाएं दे रही हैं। फिलहाल समाज को कोरोना मुक्त कराना ही उनका मकसद है। इसके लिए वे हर चुनौती से लड़ने को तैयार है।
*स्वास्थ्य व्यवस्था की महत्वपूर्ण रीढ़ हैं जनपद की 2031 आशा कार्यकर्ता*
जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक योगेंदर पाल ने बताया कि कोरोना को हराने में जागरुकता सबसे बड़ा हथियार है और आशा कार्यकर्ता इसमें विशेष रूप से सहयोग कर रही हैं। वर्तमान में जनपद में 426 शहरी क्षेत्र और 1605 ग्रामीण क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता कार्य कर रही हैं। कोविड-19 को लेकर इन सभी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तथा ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया है। व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए इन्हें मास्क और सैनीटाइज़र भी दिया गया है।
Excellent write-up
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