कानपुर ,समाजवादी पार्टी व्यापार सभा के तत्वाधान में प्रान्तीय व्यापार मण्डल के प्रदेश अध्यक्ष व सपा व्यापार सभा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष अभिमन्यु गुप्ता के नेतृत्व में माल रोड में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ जीएसटी की तीसरी वर्षगांठ पर समाजवादियों ने जीएसटी को व्यापारी विरोधी बताते हुए जीएसटी रूपी प्रतीतात्मक राक्षस का पुतला जलाया और ” जीएसटी के तीन साल व्यापारी,किसान,युवा बेहाल” के नारे लगाए। सपा व्यापार सभा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष व सपा समर्थित उत्तर प्रदेश प्रान्तीय व्यापार मण्डल के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु गुप्ता ने कहा की 1 जुलाई हर व्यापारी,उद्यमी,दुकानदार के लिए काला दिवस है।ठीक 3 वर्ष पहले 1 जुलाई 2017 को जब जीएसटी व्यवस्था लागू की गई थी तब व्यापारियों को प्रधानमंत्री ने दिलासा दिया गया था की सरल टैक्स प्रणाली और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक देश एक टैक्स के उद्देश्य से जीएसटी लागू की जा रही है पर 3 वर्ष में व्यापार तबाह हुआ और वेंटिलेटर पे पहुंचा।जीएसटी लागू होने से व्यापार मर चुका है अर्थव्यवस्था डूब चुकी है।अभिमन्यु ने कहा की व्यापारी खासकर छोटा,मझोला व्यापारी सबसे ज्यादा परेशानी झेल रहा है। एक देश एक टैक्स की जगह एक देश कई टैक्स वाली जटिल जीएसटी में इतना तनाव है कि व्यापारी बीपी और दिल की बीमारियों का मरीज बन रहा है।सीए और वकील के खर्चों से व्यापारी दर्द में चीख रहा है। जीएसटी से बाजार की चाल, चेहरा और चरित्र सब बिगड़े हुए हैं। कमाई ठप है और लोग हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। बाजार में कहीं अगर डिमांड है भी, तो कारीगर नहीं मिल रहे हैं।अभिमन्यु गुप्ता ने कहा कि सरकार ने जल्दबाजी में संवेदनहीन तरीके से जिएसटी लागू की जिसकी वजह से 20000 करोड़ रुपये प्रति माह के राजस्व का जनता को नुकसान हुआ।इन तीन वर्ष में पूरे देश को लगभग 7 लाख करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है और 30 लाख करोड़ का व्यापार पूरे देश में बराबर पे खत्म हुआ।जिएसटी लागू करने के बाद से ही सरकार ने जीएसटी में सैकड़ों संशोधन किए जो की इस बात को दर्शाता है कि सरकार अपनी गलती मान रही है क्योंकि सरकार ने जीएसटी जल्दबाजी में बिना सोचे समझे लागू की।नोटबंदी के बाद इस जटिल और व्यापार विरोधी जीएसटी लागू करने से व्यापारी के अलावा किसान,युवा,महिला सब बर्बाद हुई क्योंकि व्यापारी की बर्बादी की वजह से किसानों की खरीद पे असर पड़ा और युवाओं के रोजगार पे और महिलाओं की गृहस्ती पे।विश्व बैंक तक ने माना की भारत में लागू की गई जीएसटी दुनिया मे सबसे जटिल है।ऐसी जीएसटी लागू हुई जिसमें हजयात्रा और कफ़न तक पे टैक्स है।खाने वाले बिस्किट पे टैक्स सोने के बिस्कुट से ज़्यादा है।इंस्पेक्टर राज चरम पे पहुंचा और अधिकारी अब प्रताड़ित न करने के नाम पे महीने की सुविधा शुल्क घुस के रूप में वसूल रहे हैं।जब रिटर्न का समय निश्चित है तो रिफंड का क्यों नहीं।सबकी पूंजी रिफंड में ही फंसी है जिसपे बैंक का कर्ज चढ़ता जा रहा है।पेट्रोल डीजल को अभी तक जीएसटी में नहीं रखा गया जो कि प्रधानमंत्री का देश को एक और धोखा है।सपा व्यापार सभा के कानपुर नगर अध्यक्ष हरप्रीत भाटिया लवली ने कहा की कोरोना लोकडाउन ने तो व्यापारी को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया।हरप्रीत लवली ने कहा की पर हैरानी है कि सरकार ने मास्क,सैनिटाइजर व काढ़े तक पे जीएसटी लगा रखा है।नगर अध्यक्ष जितेंद्र जायसवाल ने कहा की जीएसटी उस रूप में लागू ही नहीं की गई जिस रूप में दिखाई गई थी।जितेंद्र जायसवाल ने मांग रखी की पेट्रोल डीजल को जीएसटी में लाया जाए,जीएसटी को सरल बनाया जाए,हर माह की जगह तिमाही रिटर्न की व्यवस्था की जाए,हज यात्रा और धार्मिक कामों की खरीद से जीएसटी हटे और टैक्स 12 प्रतिशत से ज़्यादा न लिया जाए।संजय बिस्वारी ने मांग रखी की सभी का रिफण्ड दस दिन में वापिस किया जाए,एचएसएन कोड के नियमों में बदलाव किए जाए,मंडी शुल्क समाप्त किये जाएं।मांगे पूरी न होने पे संघर्ष जारी रहेगा।प्रान्तीय व्यापार मण्डल के प्रदेश अध्यक्ष और सपा व्यापार सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष अभिमन्यु गुप्ता,प्रदेश महासचिव संजय बिस्वारी,कानपुर नगर अध्यक्ष जितेंद जायसवाल,हरप्रीत भाटिया लवली,कानपुर ग्रामीण अध्यक्ष विनय कुमार,बॉबी सिंह,सहज प्रीत सिंह,राजेन्द्र कनौजिया,मनोज चौरसिया,शेषनाथ यादव,हरिओम शर्मा,जीतू कैथल,यशु गुप्ता,आकिब खान आदि थे।
समजवादियों ने जीएसटी रूपी राक्षस का पुतला जलाया
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