साकेत मुक्ति आंदोलन के तत्वधान में पत्राचार व ज्ञापन के माध्यम से शिक्षक पार्क परेड कानपुर में सोशल डिस्टेन्सिग का ख्याल रखते हुये विरोध प्रदर्शन किया गया है। जिसमें भारी संख्या में अंबेडकरवादी, मानववादी संगठन विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। भारतीय संविधान की प्रस्तावना की पहली पंक्ति ही कहती है। हम भारत के लोग भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न समाजवादी पंथ निरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। पर भारत की मौजूदा सरकार और देश में संवैधानिक पदों पर बैठे हुए लोग खुलेआम संविधान की अवहेलना कर रहे हैं। जिन्हें न्याय देने का अधिकार दिया गया है। स्वायोचित धारणा के अनुसार निर्णय दिए जा रहे हैं। सैकड़ों ऐसे निर्णय दिए जा रहे हैं। जो संविधान के अनुच्छेद 16 (4), 16(4ए), 16(4बी) के विरुद्ध है । गलत ढंग से व्याख्या करके संविधान की मूल भावना को विनिष्ट किया है। इसी प्रकार अयोध्या में विवादित स्थल पर खुदाई से स्पष्ट हुआ है। कि विवादित स्थल पर वस्तुतः बुध विहार /बौद्ध स्तूप / बौद्ध केन्द्र था जिसका समतलीकरण में निर्दयता के साथ विनिष्ट किया गया है। बौद्ध अवशेषों को असम्मानिय ढंग से निकालकर सर्वदृष्टि से छुपा कर रखा गया है। कोविड -19 महामारी मे जहॉ सरकार को अपने नागरिक का अच्छा इलाज करवाना चाहिये वहॉ सरकार द्वारा ऐसा न कर मन्दिर निर्माण करवा रही है। मैजूदा सरकार मे दलितो अल्पसंख्यको पर अत्याचार बढ़ गया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से धनीराम पैंथर, श्रवण कुमार राजेश गौतम, शैलेन्द्र कुमार, राहुल गौतम, प्रभुदयाल आदिम, विजय सागर, जीतू पैंथर, अमरनाथ सुदर्शन आदि लोग मौजूद रहे।
साकेत मुक्ति आन्दोलन से जताया विरोध
0
486
RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Most Popular
Recent Comments
- DonaldThert on नेपाल देश से गांधी पर्यावरण योद्धा सम्मान प्राप्त शिवम शान्या ने विश्व नदी दिवस पर निकाली रैली
- marketplace-akkauntov-top.ru_ushxiy on मकर संक्रांति पर खिचड़ी वितरण एवं कंबल वितरण कार्यक्रम का हुआ आयोजन
- Nrpzic on बिना भय कोविड उपचाराधीनों की सेवा में जुटे स्टाफ नर्स
- PingCap on विश्वविद्यालय कैंपस के अंदर प्रोफेसर व उनकी पत्नी से बदसलूकी l
- how long is an esta valid for usa on मानदेय प्रदान करने व नियोजित करने को लेकर स्वच्छता ग्राही ने भारी संख्या में कलेक्टर पहुंचकर जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन