शानू सिद्दीकी संवाददाता
जहानाबाद ( फतेहपुर ) 15 अक्टूबर 2021 कोअहंकार का पुतला जलाकर बुराई पर अच्छाई रावण पर राम की विजय का प्रतीक दशहरा पर्व पंचायती रामलीला कमेटी के तत्वावधान में गत वर्षों की भाँति कोरोना महामारी से प्रभावित 2 वर्षो के बाद इस वर्ष 9दिनी रामलीला के बाद दशवे दिन दशानन हनन एव दशहरा पर्व बड़े जोशो – खरोश के साथ मनाया गया तथा रावण वध देखने के लिए सुबह से ही राम रावण के युद्ध मैदान अमौली रोड पर लोगो का तांता लगा रहा इस वर्ष रावण का 58 फुट का पुतला बनाया गया था जिसे आधुनिक तरीके से सजाया गया था। रावण के विषय मे विद्वानों का मत है कि प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में बसे बिसरख नामक गाँव को रावण रावण की जन्मभूमि के नाम से जाना जाता है इस गांव में रावण की पूजा होती है रावण का यह गांव समृद्धता एवं सम्पन्नता से परिपूर्ण है विद्वानों के मतानुसार रावण विश्रवा मुनि के पुत्र एवं पुल्सयमुनि का पौत्र था । राजस्थान के जोधपुर रेलवे स्टेशन से दूर मन्दौर नामक गाँव में मन्दोदरी के साथ विवाह हुआ था । कुछ विद्वानों का मत है कि मन्दोदरी उत्तर प्रदेश के मेरठ से थीं तथा रावण का ननिहाल नोयडा बताया जाता है । रावण महा ज्ञानी था किन्तु घमण्ड के कारण श्री राम के हाथों मारा गया था । रावण के वध को बुराइयों पर अच्छाइयों की विजय के रूप में विजयादशमीपर्व हर साल हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है
Excellent write-up