उत्तर प्रदेश के आगरा में 12 दिन पहले हरी पर्वत पुलिस ने एक कैफे में छापा मारा था। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने वीडियो बना लिया और उसे वायरल कर दिया। मामले की जांच की गई तो पुलिसकर्मियों की अनुशासनहीनता सामने आई। इसके बाद तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया।
उत्तर प्रदेश के आगरा में पुलिस के एक हेड कांस्टेबल और दो कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया है। हरीपर्वत थाने में तैनात तीनों पुलिस कर्मियों पर एक कैफे के अंदर का वीडियो बनाकर वायरल करने का आरोप है। वीडियो में युवक-युवतियां आपत्तिजनक स्थिति में थे। कैफे में घुसते समय इनमें से एक पुलिसकर्मी ने वीडियो बनाया।
आरोप है कि कैफे में घुसकर तीनों पुलिसकर्मी सीढ़ियों से नीचे उतरे और नीचे बनी केबिन के आगे लगे पर्दों को हटा हटाकर चेक करने लगे। परदे हटाने के बाद ज्यादातर केबिन में लड़के और लड़की बैठे हुए थे। लड़के और लड़कियां आपत्तिजनक स्थिति में थे। वीडियो वायरल होने के बाद शहर में हड़कंप मच गया। पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे। करीब 12 दिन पहले हरी पर्वत पुलिस ने कैफे में छापा मारा था। इस दौरान कैफे में युवक युवतियां मिले थे। इस मामले में सराय एक्ट का लाइसेंस न मिलने पर पुलिस ने जिला प्रशासन को मामले की शिकायत भेजी। वायरल वीडियो की जानकारी एसएसपी को मिली। एसएसपी ने मामले की जांच के आदेश दिए जांच में तीनों पुलिसकर्मियों की अनुशासनहीनता सामने आई।
इसके बाद थाना हरीपर्वत पर नियुक्त तीनों पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी ने थाना हरीपर्वत में तैनात हेड कॉन्स्टेबल रंजीत, कॉन्स्टेबल सौरभ कुमार व पीआरवी दो पहिया पर नियुक्त कॉन्स्टेबल ज्ञानेन्द्र सिंह पर कार्रवाई की है। आरोप है कि इन लोगों ने वीडियो लीक कर अनुशासनहीनता, स्वेच्छाचारिता, उद्दंडता कर पुलिस विभाग की छवि धूमिल की है।