कानपुर
जनपद में “आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी” थीम के साथ जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा चलाया जा रहा है। 31 जुलाई तक चलने वाले इस अभियान के दौरान जिले से लेकर ब्लॉक स्तर पर भी सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए परिवार नियोजन को लेकर प्रचार-प्रसार की गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं जिनका असर दिखने लगा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की मानें तो महिलाएँ इस मुहिम में पुरुषों से आगे निकलकर अधिक ज़िम्मेदार साबित हो रही हैं।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. एके सिंह ने बताया कि जनसँख्या स्थिरता पखवाड़े के तहत स्वास्थ्य विभाग पूरी सतर्कता के साथ लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरुक करने में जुटा है। लोगों को छोटे परिवार के बड़े फायदे बताने के लिए स्वास्थ्य कन्द्रों में वाल पेंटिंग व रिक्शा के ज़रिये प्रचार-प्रसार और माइकिंग कराई जा रही है। आशा कार्यकर्ता परिवार नियोजन की स्थायी तथा अस्थाई विधियों के बारें में लोगों को जागरुक करने के साथ ही उन्हें अपनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रही हैं। फिजिकल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए घर-घर अस्थायी गर्भनिरोधक साधनों का वितरण भी कर रही हैं। समुदाय और चिकित्सा इकाई स्तर पर भी इच्छुक लाभार्थियों की काउंसिलिंग कर परिवार नियोजन के विभिन्न गर्भ निरोधक साधन (बास्केट ऑफ च्वायस) उपलब्ध कराए जा रहे हैं। अस्पताल सहित अन्य स्थानों पर लगे कंडोम बाक्स को प्रतिदिन विसंक्रमित किया जाता है। बार-बार आने अथवा संपर्क से बचने के लिए कंडोम और गर्भ निरोधक गोली के अतिरिक्त पैकेट (कम से कम दो माह का) लाभार्थियों को प्रदान किये जा रहे हैं।
उप स्वास्थ्य शिक्षा सूचना अधिकारी राजेश यादव ने बताया कि पखवाड़े के दौरान महिला लाभार्थियों को अंतरा इंजेक्शन, प्रसव पश्चात आईयूसीडी सेवाओं को अपनाने के लिए विशेष रूप से प्रेरित किया जा रहा है । नसबन्दी सेवा ( महिला एवं पुरूष) के लिए इच्छुक लाभार्थियों का पहले से पंजीकरण भी किया जा रहा है। साथ ही पखवाड़े की समीक्षा कर उन ब्लाकों के चिकित्सा अधिकारियों को सुधार के लिए निर्देश दिए गए हैं जिनकी प्रगति कम रही है।
मिलती है प्रोत्साहन राशि
स्वास्थ्य विभाग से मिले आँकड़ों के अनुसार जनसँख्या स्थिरता पखवाड़े के दौरान 11 से 27 जुलाई तक 48 महिलाओं ने और 1 पुरुष ने नसबंदी करवाई है। वहीँ 357 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी लगवाया, 1353 ने आईयूसीडी और 166 ने अंतरा गर्भनिरोधक इंजेक्शन को अपनाया है। वहीँ 2195 छाया गर्भनिरोधक गोली और 47455 कंडोम का भी वितरण किया गया है। डॉ. एके सिंह ने बताया कि जनपद में लोगों को गर्भनिरोधक साधन अपनाने पर प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। नसबंदी कराने वाले पुरुषों को बतौर प्रोत्साहन दो हज़ार और महिलाओं को 1400 रुपये की धनराशि दी जाती है। इसके अलावा पोस्टपार्टम स्टर्लाईज़ेशन (प्रसव के तुरंत बाद नसबंदी) कराने वाली महिलाओं को 2200 रूपये की धनराशि दी जाती है। जबकि अस्थाई विधियों में प्रसव पश्चात आईयूसीडी के लिए लाभार्थी को 300 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
great article