न्यू ईयर की पार्टी करके लौट रहे रेवाड़ी के चार दोस्तों की हादसे में दर्दनाक मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही गांव में मातम छा गया। वहीं चारों के परिवारों में कोहराम मचा है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। इस दर्दनाक हादसे के चलते गांव में कुछ लोगों के घरों में चूल्हे तक नहीं जले हैं।
रेवाड़ी। नव वर्ष पर घूमने गए गांव लिसाना के चार दोस्तों की हरिद्वार में हुए भीषण सड़क हादसों में दर्दनाक मौत हो गई। जबकि एक युवक जिंदगी की जंग लड़ रहा है। बृहस्पतिवार सुबह हादसे की सूचना मिलते ही गांव में मातम छाया गया। युवकों के परिजनों ने रात को ही हरिद्वार के लिए निकल पड़े थे। बताया गया कि सुबह से ही गांव के लोगों की भीड़ जुटने लगी थी, लेकिन कोई भी बोलने की स्थिति में नहीं था। सुबह से गांव में किसी भी परिवार में चूल्हे नहीं जले। देर शाम तक चारों के शव गांव में नहीं पहुंचे थे।
उधर, मृतकों के स्वजन बेसुध हालत में पड़े हैं। बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल रहा है। परिजनों को ढांढस बंधाते हुए ग्रामीण भी रोते नजर आए। मरने वालों में तीन अपने परिवार के इकलौते कमाने वाले थे। मृतकों के परिवारों में कोहराम मचा हुआ है। इनमें दो युवक आपस में चचेरे भाई थे। सभी की शादी भी हो चुकी थी।
बता दें कि मारुति अर्टिका में सवार होकर पांचों दोस्त घूमने के बाद वापस गांव की ओर लौट रहे थे। बुधवार रात करीब साढ़े 10 बजे जब उनकी कार रुड़की के पास पहुंची तो रोड साइड में खड़े सीमेंट से भरे एक ट्रक से टक्कर हो गई। बताया जा रहा है कि भिड़ंत इतनी जोरदार थी कि कार ट्रक के नीचे घुस गई। इससे कार के परखच्चे उड़ गए। वहीं, कार में बैठे चार युवकों की मौके पर ही मौत हो गई।
तीन घरों में बच्चे के सिर से उठा पिता का साया
स्वजन के मुताबिक मृतक केहर सिंह शादीशुदा थे और सरकारी नौकरी कर करे थे। उसका एक बेटा भी है। वहीं, मनीष उर्फ मुंसी लिसाना कालेज में ही कार्यरत थे। वह भी दो बच्चों का पिता था। मनीष अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। बताया गया कि प्रकाश सिंह एक टैक्सी चालक था और उसके भी दो बच्चे हैं। जबकि, चौथा मृतक आदित्य उर्फ टिंकू नौकरी की तलाश में था। उसकी भी शादी हो चुकी है। इनमें मनीष और केहर आपस में चचेरे भाई थे। वहीं, उपचाराधीन महिपाल सिंह एक टैक्सी ड्राइवर है। उसके भी दो बच्चे हैं।