लखनऊ के इंडियन ओवरसीज बैंक के लॉकरों को तोड़कर हुई करोड़ों की चोरी के मामले में 22 दिसंबर सुबह 4:36 बजे की फुटेज सामने आई है। पिठ्ठूबैग में सामान लिए एक चोर चहलकदमी करते और उसकी साथी ग्राइंडर का तार बटोरता हुआ दिखाई दे रहा है।
लखनऊ में बैंक में लॉकर काटने वाले चोर कितने बेखौफ थे, 22 सेकंड की सीसीटीवी फुटेज से पता चल जाता है। बड़े ही इत्मीनान से बैंक में पिठ्ठूबैग में सामान लिए एक चोर चहलकदमी करते दिखता है। वहीं, उसका साथी ग्राइंडर का तार बटोरता दिखता है। भले ही दोनों के चेहरे ढंके हों, पर कदमों की चाल बताती है कि जैसे वे अपने घर में काम कर रहे हों। वहीं फुटेज से आई एक तस्वीर में तो एक बदमाश बैंक के अंदर कुर्सी पर आराम फरमाता दिखता है।
इंडियन ओवरसीज बैंक के लॉकरों को तोड़कर हुई करोड़ों की चोरी के मामले में सामने आई फुटेज 22 दिसंबर सुबह 4:36 बजे की हैं। फुटेज में एक चोर ने काले रंग की जैकेट पहन रखी थी और सिर पर टोपी लगाए था, जबकि दो ने सफेद रंग की हुडी पहनी हुई है। ग्राइंडर के लिए एक चोर साथी को प्लग लगा लंबा सा तार देते दिख रहा है। इस बीच एक चोर ने सीसीटीवी कैमरे की तरफ आंखों से इशारा किया तो उसका साथी हुडी की कैप से चेहरा छुपा लेता है।
फुटेज के अलावा कुछ फोटो भी सामने आई हैं। इसमें काली-सफेद लाइनदार मफलर पहने एक चोर मोबाइल फोन पर बात करते दिखता है। वह मोबाइल फोन को दोनों हाथों से छिपाकर बात कर रहा है। एक दूसरी फोटो में मफलर और टोपी लगाए चोर आपस में बातचीत करते दिखे। तीसरे फोटो में एक चोर बड़ी आराम से कुर्सी पर बैठा नजर आया। उसने टोपी और मफलर से अपना चेहरा लपेट रखा था।
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कस्टडी रिमांड पर लिए जाएंगे शातिर
मामले में गिरफ्तार आरोपी बिहार के अरविंद कुमार, बलराम कुमार और कैलाश बिंद को पुलिस जल्द पुलिस कस्टडी रिमांड (पीसीआर) पर लेने की तैयारी कर रही है। जेसीपी एलओ अमित वर्मा ने बताया कि अभी पकड़े गए चोरों से सही से पूछताछ नहीं हो सकी है। रिमांड पर लेकर पता लगाया जाएगा कि चोर लखनऊ में कहां-कहां ठहरे थे। 17 दिसंबर को लखनऊ आने के बाद कहां-कहां गए और किन-किन लोगों से मिले थे। मुख्य साजिशकर्ता विपिन के अलावा गैंग का कोई और मददगार तो नहीं है।
लगेगा गैंगस्टर, कुर्क होगी संपत्ति
चोरों के खिलाफ जल्द पुलिस गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की करेगी। पुलिस इस गैंग के गुर्गों की अपराध से अर्जित संपत्ति को भी गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) के तहत कुर्क करेगी। पुलिस जल्द ही इन संपत्तियों के बारे में पता लगाने के लिए बिहार भी जा सकती है।
गोल्ड लोन वाले लॉकर क्यों नहीं तोड़े गए
एक चर्चा ऐसी भी सामने आई है कि चोरों ने गोल्ड लोन वाले लॉकरों को नहीं तोड़ा था। इन लॉकरों में वह जेवर रखे जाते हैं, जिनको ग्राहक गिरवी रखकर लोन लेते हैं। सवाल उठने लगा है कि क्या चोरों को इसकी जानकारी पहले से थी। अगर ऐसा है तो यह गोपनीय जानकारी उन तक कैसे पहुंची। इस बारे में जब जेसीपी एलओ से बातचीत की गई तो उन्होंने चिनहट पुलिस और बैंक अधिकारियों को इस तथ्य को चेक करने का आदेश दिया। बैंक कर्मियों की भूमिका के सवाल पर जेसीपी का कहना है कि विवेचना जारी है, अगर किसी भूमिका मिलती है तो उसको बख्शा नहीं जाएगा।
सुरक्षा में लापरवाही की लिए अलग से हो रही है जांच
बैंक की तरफ से की गई सुरक्षा और उसकी कमी की पुलिस अलग से जांच कर रही है। जेसीपी ने बताया कि जल्द ही इस संबंध में जांच पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने एक बार फिर से यह दावा किया है कि सुरक्षा की कमी की वजह से चोरों ने इतने कम समय में 42 लॉकर काट दिए थे।