Friday, May 17, 2024
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बदहाल है व्यवस्था: कूड़े के ढेर में पड़ी मिलीं दवाएं, आरोग्य मंदिरों में बंद मिले ताले, ये बोले जिम्मेदार

जिले में हैं 305 आरोग्य मंदिर है, जिनमें से 29 में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर नहीं हैं। यही नहीं, सभी में चिकित्सा सेवाएं भगवान भरोसे ही हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी ने कहा कि जनपद के 298 उपकेंद्रों में से 29 केंद्रों के सीएचओ ने नौकरी छोड़ दी है।

कानपुर में ग्रामीणों को इलाज के लिए कुछ दूरी पर इलाज मिल सके, इसके लिए प्रदेश सरकार ने उप स्वास्थ्य केंद्रों को आयुष्मान आरोग्य मंदिर का दर्जा दिया था। वर्तमान में इन आरोग्य मंदिरों की चिकित्सा सेवाएं भगवान भरोसे हैं। हर आरोग्य मंदिर में एक सीएचओ (कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर), एक एनएनएम, आशा बहू और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की तैनाती की गई थी।

वर्तमान में 305 आरोग्य मंदिरों में से 29 में सीएचओ ही नहीं हैं। लापरवाही इस कदर है कि जीवनरक्षक दवाएं यहां कूड़े के ढेरों में पड़ी रहती हैं। अधिकतर आरोग्य मंदिरों में ताला पड़ा रहता है। अमर उजाला ने कल्याणपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के तहत आने वाले रइकेपुर, डूल और लोधर आरोग्य मंदिरों की पड़ताल की, तो यह सच्चाई सामने आई।

रइकेपुर आरोग्य मंदिर
जर्जर भवन में संचालित रइकेपुर उपकेंद्र में ताला लटका मिला। उपकेंद्र में दरवाजे तक नहीं लगे हैं। यहां पर जीवन रक्षक दवाएं कूड़े के ढेर में पड़ी मिलीं। गांव में रहने वाले राम सिंह ने बताया कि यहां अक्सर ताला ही लटका रहता है। एएनएम और आशा तैनात हैं लेकिन यदा-कदा ही आती हैं। सीएचओ के बारे में ग्रामीणों से पूछा तो बोले, ऐसे कोई तो यहां तैनात ही नहीं है।

डूल आरोग्य मंदिर
डूल आरोग्य मंदिर में भी ताला लटकता मिला। यहां पर भी सीएचओ की तैनाती नहीं है। स्थानीय लोगो ने बताया कि आशा बहू नीलम हैं, वह गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने के लिए आती हैं। ग्रामीण राजीव सिंह ने बताया कि उपकेंद्र में कोई उपचार नहीं होता है।इलाज के लिए प्राइवेट या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कल्याणपुर जाना पड़ता है।

लोधर आरोग्य मंदिर
इस उपकेंद्र पर भी ताला लटकता मिला। विभाग का कोई भी जिम्मेदार यहां मौजूद नहीं मिला। गांव में रहने वाले अमन ने बताया कि इस उपकेंद्र में कभी कोई डाॅक्टर नहीं आता। इलाज के लिए या तो सीएचसी कल्याणपुर जाओ या फिर निजी चिकित्सक के पास।
रइकेपुर में यदि दवाएं कूड़े के ढेर में पड़ी हैं, तो खुद जाकर जांच करूंगा। यहां पर सीएचओ नहीं हैं। एएनएम क्षेत्र में भ्रमण पर रहती हैं। डूल उपकेंद्र सीएचओ और एएनएम नहीं होने की वजह से बंद है। लोधर उपकेंद्र में एक दिन पूर्व ही घाटमपुर से स्थानांतरित होकर आईं सीएचओ ने ज्वाइन किया है। उपकेंद्र पर क्यों नहीं गई, इस बारे में जानकारी करूंगा। -डॉ. अविनाश यादव, चिकित्सा प्रभारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कल्याणपुर

जनपद के 298 उपकेंद्रों में से 29 केंद्रों के सीएचओ ने नौकरी छोड़ दी है। शासन स्तर पर जल्द ही इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी, ताकि ग्रामीण क्षेत्र में चिकित्सा व्यवस्था सुव्यवस्थित की जा सके। -आलोक रंजन, मुख्य चिकित्साधिकारी

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