कानपुर,अधिवक्ता कल्याण संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री को प्रतिवेदन दे प्रदेश सरकार से अधिवक्ताओं को आर्थिक सहायता दिये जाने की मांग की ।
इस मौके पर संयोजक पं०रवीन्द्र शर्मा ने बताया कि अधिवक्ता जो कि न्यायालय का अधिकारी है और समाज के उत्थान एवं लोकतंत्र की रक्षा हेतु स्वाधीनता से लेकर आज तक सदैव अग्रणी पंक्ति में रहते है और प्रतिदिन अपनी मेहनत और लगन से अधिवक्ता वृत्ति का निर्वाह करते हुए सम्मान पूर्वक अपना व अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे है
विगत वर्ष आई करोना महामारी से महीनों के लाक डाउन से अन्य के साथ अधिवक्ता वर्ग ने अत्यधिक आर्थिक संकट का सामना किया, संकट के दौर में सरकार द्वारा विभिन्न वर्गों को सहायता प्रदान की गई किंतु अधिवक्ताओं की पूर्ण अनदेखी हुई जो कि अत्यंत दुखद है लॉकडाउन के खात्मे के साथ कचहरी में धीरे-धीरे कार्य की शुरुआत हुई और कार्य पूर्ववत हो पाता कि फिर आई महामारी के कारण काफी समय से कचहरी में सामान्य कार्य बंद हो गया जिसकी वजह से अधिवक्तागण पुनः गंभीर आर्थिक संकट में आ गए ऐसी स्थिति में अधिवक्ताओं को तत्काल राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान किया जाना समय की मांग है
हमारी मांग है कि राज्य सरकार अधिवक्ताओं के प्रति उदासीनता को त्याग कर तत्काल अधिवक्ताओं को आर्थिक सहायता दिए जाने का निर्णय लेते हुए रु 25000प्रति अधिवक्ता आर्थिक सहायता प्रदान करें
मुख्यमंत्री को संबोधित प्रतिवेदन जिलाधिकारी कानपुर नगर के प्रतिनिधि आर पी वर्मा अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम ने प्राप्त करते हुए कहा कि आप का प्रतिवेदन मुख्यमंत्री को आवश्यक कार्रवाई हेतु भेज दिया जाएगा।
प्रतिवेदन देने वालों में प्रमुख रूप से पंडित रवीन्द्र शर्मा वरिष्ठ अधिवक्ता राजेन्द मिश्रा एस के सचान जयंत जायसवाल अरुण वाल्टर मोहित शुक्ला दीपक शर्मा विनय मिश्रा दूरभाष से मो कादिर खा अंकुर गोयल संजीव कपूर प्रणवीर सिंह शिखर चंद्रा शिवम् अरोड़ा, पशुपति पांडे,हर्ष राज शुक्ला राकेश सिद्धार्थ के के यादवआदि रहे।